कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में दिया इस्तीफा
क्राइम रिव्यू ब्यूरो
नई दिल्ली। कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली के सेक्स टेप मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है। यौन शोषण के आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री को लिख खत में उन्होंने कहा, ‘मुझ पर लगे आरोप सच्चाई से कासों दूर है। निष्पक्ष जांच के लिए मैं नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे रहा हूं।’ उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने स्वीकार कर लिया है और राज्यपाल के पास भेज दिया है।
कर्नाटक के मंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा, ‘रमेश जारकीहोली ने इस्तीफा दे दिया है। किसी ने कोई बयान या शिकायत नहीं की है। हमें इस पर फैसला लेना है।’
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश काल्लाहाली ने मंगलवार को पुलिस में जल संसाधन मंत्री जारकीहोली के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी दिलाने के बहाने महिला का यौन उत्पीड़न किया और फिर अपने वादे से मुकर गए।
कन्नड़ समाचार चैनलों पर जारकीहोली के कथित वीडियो क्लिप प्रसारित किए गए थे जिसमें वह एक अज्ञात महिला के साथ नजर आ रहे हैं। इन आरोपों के बारे में जारकीहोली ने समाचार चैनलों से कहा था कि वह हैरान हैं और उक्त वीडियो सौ फीसदी फर्जी हैं। उन्होंने मामले की जांच की मांग की थी।
बताया जा रहा है कि पहले मंत्री ने पीड़िता को कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन में नौकरी दिलाने के बहाने पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया और फिर अपने वादे से मुकर गए। दिनेश कल्लाहल्ली ने बताया कि पीड़िता के परिवार ने उनसे मदद के लिए संपर्क किया था। वह अकेले ये लड़ाई नहीं लड़ सकते थे। उन्होंने कहा, मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं, इसलिए उन्होंने मुझसे मदद मांगी।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी विधायक बालचंद्र जारकीहोली ने अपने भाई रमेश जारकीहोली के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की सीबीआई जांच कराए जाने की बुधवार को मांग की और ‘फर्जी सीडी’ जारी करने वाले के खिलाफ 100 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी भी दी।
बालचंद्र ने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से मुलाकात के बाद कहा कि यदि रमेश जारकीहोली ने कुछ गलत नहीं किया है, उन्होंने कहा, ‘‘जिस महिला के साथ अन्याय होने का दावा किया जा रहा है, उसकी पहचान नहीं पता है। किसी ने यह दावा करते हुए शिकायत की कि महिला के रिश्तेदारों ने ऐसा करने को कहा। इस शिकायत को दर्ज करना ही गलत है, क्योंकि पीड़ित व्यक्ति को शिकायत करनी चाहिए, न कि सड़क पर चल रहे किसी भी व्यक्ति को ऐसा करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से सीबीआई या सीआईडी की जांच के आदेश देने का अनुरोध किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस सीडी को जारी किसने किया है और कौन प्रभावशाली नेता उनके पीछे हैं।