कोरोना दौर में ऑनलाइन शिक्षा ही बच्चों के लिए बेहतर विकल्प है : देवेंद्र सिंह
प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की आनलाइन मीटिंग
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की आॅनलाइन मीटिंग में कोरोना महामारी के समय बच्चों की शिक्षा पर चिंता जाहिर की गई। एसोसिएशन का कहना है कि महामारी के समय बच्चों के स्वस्थ से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है, इसलिए आनलाइन शिक्षा ही बेहतर विकल्प है।
मीटिंग में जुड़े 300 शिक्षक
प्राइवेट टीचर वेलफेयर एसोसिएशन की ऑनलाइन मीटिंग हुई। जिसमें कोरोना महामारी के समय
बच्चों की शिक्षा और साथ ही उनके स्वस्थ को लेकर भी चिंता जाहिर की गई। मीटिंग में निर्णय लिया गया कि ऐसे समय में बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा ही बेहतर विकल्प है। मीटिंग में एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार सिंह , उपाध्यक्ष विध्याचल पाठक व संरक्षक शिशिर बाजपेई सहित प्रदेश से 3000 शिक्षक जुड़े और सभी ने बच्चों की पढाई के लिये चिंता व्यक्त की।
घर में बैठाकर पढ़ाना सही नहीं है
मीटिंग में अध्यक्ष ने कहा की अधिक से अधिक अभिभावको को प्रेरित करे की वह बच्चों को ऑनलाइन पढाये और स्कूल में प्रवेश जरूर कराए। घर में बैठा कर बच्चे को पढ़ाने का सही तरीका नहीं है। सरकार सहित सभी नागरिको की जिम्मेदारी है कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दे।
सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को दिया था बढा़वा
अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बच्चों की ऑनलाइन पढाई को सरकार ने बढावा दिया ,संसाधन उपलब्ध कराए। जिससे अधिक से अधिक बच्चे पढ सके। लेकिन अधिकांश अभिभावकों ने पिछले साल अपनी किसी मजबूरी से इस तरह की पढाई को नकार दिया। लेकिन इसका सीधा प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर और उनके भविष्य पर पड़ा।
..नहीं तो बच्चों की शिक्षा ठहर जायेगी
उन्होंने कहा कि वर्तमान में वर्तमान मे जो शिक्षा प्रणाली चल रही है .उसमे बच्चों का किसी न किसी स्कूल मे प्रवेश जरुरी है। यदि ऐसा नही करते तो बच्चों की उम्र तो बढ़ जायेगी लेकिन शिक्षा ठहर जायेगी।