पंचायत चुनाव से पहले कमिश्नरेट पुलिस ने कसी कमर
लखनऊ। आगामी पंचायत चुनाव को लेकर कमिश्नरेट पुलिस ने पूरी तरह से कमर कस ली है। लखनऊ पुलिस की चुनावो को लेकर तैयारी का व्यापक असर सबसे पहले पश्चिम जोन में देखने को मिला है।
चुनावों के मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से कमिश्नर लखनऊ ध्रुव कुमार ठाकुर के आदेशानुसार पुलिस उपायुक्त पश्चिम देवेश पांडेय और अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम राजेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुराने लखनऊ के मेफेयर तिराहे पर मॉक ड्रिल करी गयी। दरसल अचानक वायरलेस पर पश्चिम जोन में दंगे की सूचना प्रसारित हुई तो जोन के थानो में हड़कंप मच गया।
थानों की पुलिस ने तब राहत की साँस ली जब उन्हें पता चला कि यह एक मॉक ड्रिल थी। चौक थाना क्षेत्र अंतर्गत हुई मॉक ड्रिल में सहायक पुलिस आयुक्त चौक आई पी सिंह समेत सर्किल के सभी थानों की फोर्स मौजूद रही। डीसीपी पश्चिम देवेश पांडेय के साथ ही एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने फोर्स को आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों को यह भी बताया कि आकस्मिक होने वाले किसी भी प्रकार के दंगे से कैसे निपटा जाए। सफल मॉक ड्रिल के बाद लखनऊ कमिश्नर डीके ठाकुर ने डीसीपी पश्चिम देवेश पांडेय व एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव की प्रशंसा करी।
माहौल देख भौचक्के हुए स्थानीय
संवेदनशीलता के लिए मशहूर पुराने लखनऊ मे शनिवार की शाम अस्त्र शस्त और दंगे से निपटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तमाम उपकरणो से लैस भारी संख्या मे पुलिस की मौजूदगी को देख कर कुछ देर के लिए लोग किसी अन्होनी की आशंका से भयभीत हो गए । पुलिस के आला अफसरो के साथ पुराने लखनऊ के अकबरी गेट पर मुसतैद मुद्रा मे नज़र आ रहे पुलिस के जवानो की आमद के कुछ देर बाद ही दंगा नियन्त्रण वाहन दमकल वाहन के अलावा कई एम्बुलेन्स भी हूटर बजाती हुई मौके पर पहुॅची तो लोग हैरान थे कि आखिर अचानक क्षेत्र मे इतनी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी क्यो है ।
आम जनता पुलिस फोर्स को देख कर भयभीत भी थी और इस सम्बन्ध मे पुलिस कर्मी से तो पूछने की हिम्मत भी नही जुटा पा रहे थी लेकिन पत्रकारो के फोन ज़रूर घनघनाने लगे । लोग ये जानने के लिए आतुर रहे कि आखिर अचानक इतनी फोर्स क्यू आई और आखिर क्या हुआ है या क्या होने वाला है। लोगो की जिज्ञासा कुछ देर मे ही उस समय समाप्त हो गई जब मौके पर मौजूद पुलिस के अफसरो ने पुलिस कर्मियो को सड़क पर ही समझाना शुरू कर दिया और पता चला कि किसी वारदात के बाद नही बल्कि किसी भी वारदात से निपटने के लिए तैयारियो का यह रिहलसल था।
मातहतों को सिखाए दंगे से निपटने के गुण
डीसीपी पश्चिम देवेश पाडेण्य ने बताया कि पुलिस की मुस्तैदी को चेक करने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए इस तरह की मांक ड्रिल होती रहती है । उन्होने कहा कि चौक थाना क्षेत्र के मैफेयर तिराहे पर करीब एक घण्टा ये रिहलसल की गई कि यदि क्षेत्र मे कही कोई समस्या आती है तो किस थाने की फोर्स को कितनी जल्दी कैसे पहुॅचना है उन्होने बताया कि की गई रिहलसल मे पश्चिम क्षेत्र के सभी 9 थानो की पुलिस का रिस्पांस टाईम चेक किया गया जो पूरी तरह से सही पाया गया ।
उन्होने बताया कि मांक ड्रिल के दौरान पुलिस के जवानो को बताया गया कि यदि क्षेत्र मे कही कोई घटना यां दंगे की स्थिति उत्पन्न होती है तो किस तरह से यातायात का डायवर्जन करना है दंगे मे घायल हुए लोगो को किस तरह से तत्काल अस्पतल पहुॅचाना है और किस तरह से खुद सुरक्षित रह कर आम जनता को सुरक्षित रखना है और आम जनता की सम्पत्ति को किस तरह से सुरक्षित रखना है।
एडीसीपी पश्चिम राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस कर्मियो को कुछ नसीहते मौखिक तौर से की गई तो कुछ का नाटकीय रूपान्तरण की तरह करके उन्हे समझाया गया। पुराने लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र के अकबरीगेट मैफेयर तिराहे के पास हुई पुलिस की इस रिहलसल के दौरान करीब एक घण्टे तक यातायात जाम की स्थिति भी उत्पन्न हुई इस दौरान सोशल मीडिया पर भी लोग ये जानने के लिए उत्सुक नज़र आए कि आखिर अचानक पुलिस फोर्स क्यू एकत्र हुई है। मांक ड्रिल के दौरान पुलिस ऐसी मुस्तैद मुद्रा मे थी जैसे वास्तव में कही कोई दगा हुआ है और पुलिस दंगाईयो से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।