बच्चा चोरी के मामले में देश के टॉप-3 थाना गुडम्बा पुलिस की लापरवाही आई सामने
बच्चा चोर के विरूद्ध गुडम्बा पुलिस ने शांति भंग में की कार्रवाई, लोगों में आक्रोश
लापरवाह खाकी …
बच्चा चोर के खिलाफ महज शांति भंग की कार्रवाई
गुडम्बा थाना क्षेत्र की घटना, लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश, थाना घेराव की चेतावनी
क्राइम रिव्यू। लखनऊ
लखनऊ । देश के शीर्ष -3 थाने में शुमार गुडम्बा पुलिस बच्चा चोरी के मामले में कितनी संवेदनशील है, इसका अंजाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डेढ़ साल की मासूम बच्ची को एक युवक दादी के सामने पिक कर कर भाग निकला। घटना की जानकारी मिलते ही मोहल्ले के लोगों ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी। घर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर आरोपी को बच्ची के साथ दबोच लिया। लोगों ने आरोपी को पुलिस के हवाले भी किया, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय आरोपी व उसके दो अन्य साथियों के खिलाफ महज शांति भंग की कार्रवाई कर मामले पर पर्दा डाल दिया।
गुडम्बा के अलका पुरी कॉलोनी निवासी ललित सोनी कुर्सी रोड पर एनवाईटर, बैट्री की दुकान चलाते हैं। ललित के मुताबिक मंगलवार शाम करीब 7 बजे उनकी बेटी सिद्धि सोनी (डेढ़ वर्ष) घर के पास खेल रही थी। केवल एक युवक आया और बच्ची को टॉफी देकर उसे गोद मे उठा लिया। थोड़ी देर तक खिलाने के बाद वह बच्ची को लेकर जाने लगा यह देख बच्ची की बड़ी बहन रिद्धि (5) ने दादी सुषमा सोनी को बताया। ग्रैंड ने शोर मचाते हुए उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन आरोपी भाग निकला। ग्रैंड के ब्र मचाने पर आस-पास के लोगों ने आरोपी और बच्ची की तलाश शुरू की। घर से लगभग 500 मीटर दूर कुर्सी रोड पर लोगों ने आरोपी को पकड़ कर बच्ची को उसके चंगुल से छुड़ा लिया
बाइट: पीड़ित पिता
साथी भाग गए
लोगों का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी बच्ची के साथ कुर्सी रोड क्रॉस करने की कोशिश कर रहा था। रोड की दूसरी तरफ उसका एक और साथी बाइक से खड़ा था। आरोपी के पकड़े जाने पर वह भाग गया। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी किसी से फोन पर बात करते दिख रहे हैं।
तीन दिन से की जा रही थी रेकी
पीड़ित के मुताबिक पकड़े गए आरोपी का एक साथी अपनी कथित पत्नी के साथ तीन दिन पहले पड़ोस के एक मकान को किराए से लेकर रह रहे थे। घटना के दिन आरोपी पहले उनके घर आए बाद में बच्ची को लेकर जा रहा था। लिहाजा लोगों ने रेकी करने की भी आशंका जाहिर की है।
डर से दरोगा ने लिखा है कि कार्रवाई नहीं चाहिए
पीड़ित पिता का कहना है कि उसने कार्रवाई के लिए पुलिस को तहरीर दी, लेकिन दरोगा ने अगले दिन थाने बुलायाकर यह लिखवा लिया कि पुलिस अपनी तरफ से कार्रवाई करेगी लिहाजा वह लिख कर दे कि वह आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहती है। पीड़ित का यह भी आरोप है कि दरोगा ने कहा है कि यदि आप कार्रवाई करते हैं तो कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
सीसीटीवी फुटेज में इंस्पेक्टर की थ्योरी की खोली पोल में
इस मामले में इंस्पेक्टर गुडम्बा फरीद अहमद का कहना है कि बच्ची का अपहरण नहीं हुआ था। आरोपी नशे में था और वह बच्ची को घर के पास ही खिला रहा था। उसकी मंशा अपहरण की नहीं थी।लिहाजा उसका और उसके दो अन्य साथियों का शांति भंग में संयोजन किया गया। लेकिन लगभग 300 मीटर की गली में लगे तीन सीसीटीवी फुटेज ने इंस्पेक्टर की थ्योरी को झूठा साबित कर दिया।फुटेज में साफ दिख रहा है कि आरोपी बच्ची को लेकर जा रहा है जिसका ग्रैंड विरोध भी कर रहा है।
बच्ची को ले जाते हुए सीसीटीवी में कैद हुआ आरोपी
पुलिस गिरने के में शुभम निकले निराशाज
लोगों के बारे में कहती है जब वह पकड़ कर हस्तक्षेप की गई तो वह खुद का नाम शुभम निवासी सीतापुर बता रहा था। लेकिन थाने पर उसके पास से बरामद आधार कार्ड से उसकी पहचान मेराज नाम से हुई।