भाड़े के शूटरों से कराई गई थी जीवन ज्योति हॉस्पिटल प्रयागराज के मालिक डॉ एके बंसल की हत्या, यूपी एसटीएफ ने आरोपी शूटर मो शोएब को गिरफ्तार कर किया खुलासा
चार साल पहले हॉस्पिटल के चैम्बर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी हत्या
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। 12 जनवरी 2017 को जीवन ज्योति हॉस्पिटल प्रयागराज के मालिक डॉ0 अश्वनी कुमार बंसल (ए0के0 बंसल) की उनके हॉस्पिटल के चैम्बर में गोली मारकर हत्या करने भाड़े की शूटरों द्वारा की गई थी। हत्या की साजिश जेल में रची गई थी। यूपी एसटीएफ ने 50 हजार रुपये का इनामी दुर्दांत अपराधी मो० शोएब पुत्र मुकीम को देवा रोड मोड के पास स्थित मन्दिर के पीछे, थाना चिनहट से गिरफ्तार कर हत्या की साजिश का खुलासा कर दिया।
यह था मामला
12 जनवरी 2017 को समय करीब शाम 7 बजे जीवन ज्योति हॉस्पिटल के डॉ0 अश्वनी कुमार बंसल हॉस्पिटल की ओपीडी में मरीज देख रहे थे कि सामने वाले गेट से अचानक अन्दर आकर दो व्यक्तियों ने उन पर ताबड़तोड़ कई राउण्ड फायर किये और भाग निकले थे। बाद में इलाज के दौरान डॉ बंसल की मृत्यु हो गयी थी। इस सनसनीखेज घटना के सम्बन्ध में डॉ बंसल के छोटे भाई प्रवीण कुमार बंसल द्वारा थाना कीडगंज जनपद प्रयागराज में मु0अ0सं0 28/2017 धारा 302 भादवि का दर्ज कराया गया था।
साथी में मिलने आया देवा रोड पर, एसटीएफ ने दबोचा
एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मुकदमें के अनावरण के लिए लगातर प्रयास किया जा रहा था। जिसके क्रम में दीपक सिंह पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ उ0प्र0 लखनऊ के पर्यवेक्षणाधीन हेमन्त भूषण सिंह, निरीक्षक के नेतृत्व में एस0टी0एफ0 मुख्यालय द्वारा सूचना संकलन की जा रही थी। अभिसूचना संकलन एवं घटना के अनावरण में एसटीएफ़ फील्ड यूनिट प्रयागराज का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसी क्रम में आज मुखबिर खास से सूचना प्राप्त हुयी कि जनपद प्रतापगढ़ में वांछित 50 हजार के ईनामी अपराधी शोएब पुत्र मुकीम उर्फ मुस्तकीम निवासी आजाद नगर थाना कोतवाली नगर जनपद प्रतापगढ़ देवा रोड मोड के पास स्थित मन्दिर के पीछे, थाना चिनहट, लखनऊ कमिश्नरेट, लखनऊ के पास किसी से मिलने आने वाला है, इस सूचना पर निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह अपनी टीम को लेकर रवाना हुए। देवा रोड के पास पहुंचा मुखबिर के इशारे पर मन्दिर के पास खड़े व्यक्ति को पकड़ने के लिए जैसे ही आगे बढ़े तो एसटीएफ टीम को देखते ही वह तेजी से भागा जिसे एसटीएफ टीम पुलिस बल की मदद से आवश्यक बल प्रयोग कर पकड़ लिया गया।
वर्चस्व स्थापित करने के चलते साथियो के साथ मिलकर बस में विरोधी की के दी हत्या
पूँछताछ पर शोएब ने बताया कि वह के0पी0 इंटर कालेज प्रतापगढ़ से पढाई किया है तथा पढाई के बाद नीट की तैयारी हेतु कोटा राजस्थान गया, जहाँ से जल्द ही वापस प्रतापगढ़ आ गया। पढाई तथा क्रिकेट मैच खेलने के दौरान मेरी दोस्ती भुलियापुर निवासी यासिर व जावेद उर्फ़ जब्बा और घरौरा, लालगंज निवासी मक़सूद उर्फ़ जैद से हुई जहाँ हम लोगों का एक ग्रुप बन गया। आये दिन हम लोग किसी को भी मारपीट दिया करते थे। इसी दौरान वर्चस्व स्थापित करने के चलते मेरे ग्रुप का चुनमुन से विवाद होता रहा। जिसके चलते हम लोगों ने वर्ष 2015 में चुनमुन जो बस में बैठकर जा रहा था की दिनदहाड़े बस में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी।
जेल में रची गई हत्या की साजिश
एडीजी एसटीएफ ने बताया कि जीवन ज्योति हास्टिल के डा0 बंसल ने अपने लड़के के एडमीशन के लिए रूपये 55 लाख आलोक सिन्हा को दिये थे, लेकिन आलोक सिन्हा ने उनके लड़के का एडमीशन न कराकर पैसे हड़प लिये थे। जिसकी वजह से डा0 बंसल ने आलोक सिन्हा के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा लिखवाकर उसे जेल भिजवा दिया था। डा0 बंसल द्वारा आलोक सिन्हा के विरूद्ध अन्य राज्यों में भी पंजीकृत मुकदमों में पैरवी की जाने लगी, जिनके प्रयास से ही कर्नाटक के एक मुकदमें में वारण्ट बी बनवाकर कर्नाटक भी पुलिस ले गयी थी। प्रयागराज की नैनी जेल में पहले से दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा, जुल्फिकार उर्फ तोता, गुलाम रसूल मौजूद थे। उसी बैरक में आलोक सिन्हा भी पहुंच गये। उसी बैरक में आलोक सिन्हा ने डा0 बंसल की हत्या कराने की बात किया, जिस पर दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा तैयार हो गये। अबरार मुल्ला के माध्यम से मकसूद उर्फ जैद, यासिर तथा मुझसे सम्पर्क किया और कहा कि डा0 बंसल की हत्या करनी है। जिसके एवज में रूपये 15 लाख नगद तथा रूपये 55 लाख बाद में मिलेंगे। अबरार मुल्ला के माध्यम से हम लोगों को पांच लाख रूपये, 2 पिस्टल तथा एक मोटर साईकिल उपलब्ध करायी गई। 10 लाख रूपये अबरार मुल्ला ने अपने पास रोक लिया, जो काम के बाद देने को कहा गया। शाम करीब 7 बजे मै, यासिर व मकसूद मोटरसाइकिल से जीवन ज्योति हास्पिटल पहुचे। मकसूद गाड़ी चला रहा था, जो हास्पिटल के सामने ही खड़ा रहा। मैने व यासिर ने डा0 बंसल के चैम्बर में जाकर अपने-अपने पिस्टल से फायर करके उनकी हत्या कर दी, और मकसूद के साथ उसी मोटरसाइकिल से फरार हो गये।
रुपये के बंटवारे में साथी यासिर की कर दी हत्या
घटना के बाद मक़सूद और यासिर के बीच में पैसे को लेकर झगड़ा हो गया जिस पर अबरार मुल्ला के कहने पर मैंने तथा मक़सूद ने घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद यासिर की हत्या कर दी, जिसमें मक़सूद पकड़ा गया, लेकिन उसमें मेरा नाम नहीं आया। कुछ दिन बाद थाना पीपरपुर जनपद अमेठी में हत्या के प्रयास के एक मामले में मैं जेल गया था। जेल से छूटने के बाद मैं भागकर मुंबई चला गया और काफी दिनों तक वही छुपकर रहा। घटना में इस्तेमाल की गयी मोटरसाइकिल व पिस्तौल अबरार मुल्ला को वापस दे दिया था। मुझे बाद में यह भी पता चला था कि सीसीटीवी फुटेज में मेरी तथा यासिर की फोटो भी आ गयी थी। इसी कारण मैं मुंबई में छिपाकर रह रहा था।
कुल बरामदगीः
1 अदद अवैध पिस्टल .32 बोर। 05 अदद जिन्दा कारतूस .32 बोर। 02 अलग-अलग कूटरचित निर्वाचन कार्ड। 02 अलग-अलग कूटरचित पैनकार्ड। 01 अदद कूटरचित डाइविंग लाइसेन्स। 02 अदद मोबाईल। 1910 रूपये नगद।
फ्रैक्चर गैंग के नाम से मशहूर शोएब की गैंग द्वारा की गयी दुस्साहसिक घटनाएँ-
वर्ष 2015 में चुनमुन पाण्डेय की दिनदहाड़े बस रुकवाकर हत्या करना।
वर्ष 2015 में डॉ प्रभात की गोली मारकर हत्या चिलबिला रेलवे क्रासिंग के पास हरि प्रताप सिंह समझकर की गयी।
वर्ष 2017 में जीवन ज्योति हास्पिटल के डॉ बंसल की हत्या।
वर्ष 2017 में पैसे के बंटवारे के विवाद को लेकर अपने ही साथी यासिर की गोली मारकर हत्या करना। वर्ष 2018 में जनपद प्रतापगढ़ में हत्या का प्रयास जिसमे 50 हजार का इनाम घोषित है।
वर्ष 2019 में फरारी के दौरान रिक्की नामक व्यक्ति से एटीएम क्लोन करने वाली मशीन खरीदकर व उसे अपने दो साथियों को देकर एटीएम क्लोन करके व एटीएम की लाइन में लगकर पिन प्राप्तकर पैसे निकालने का अपराध करता था।
कई मोटरसाइकिल की लूट व लूट का प्रयास करना जिसके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा रही है।
भुलियापुर गाँव के पास के जंगल में एक पेड़ पर इन लोगो ने कारतूसों के फायर से 1090 लिखा गया है उसी के पास सटीक निशाने की प्रैक्टिस करने के लिए निरीह जानवरों जैसे नीलगाय, खरगोश आदि को अपनी गोली का निशाना बनाते थे।
महामाया मार्बल के मालिक राजेश सिंह हत्याकाण्ड में भी इसकी भूमिका की जाँच हो रही है।