मोदी ने बैद्यनाथ दरबार में पूजा की, बाबा के दर्शन करने वाले पहले PM बने, बोले- यहां शिव भी, शक्ति भी
प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपयों की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को झारखंड के देवघर के बैद्यनाथ दरबार पहुंचे। वहां उन्होंने लगभग 20 मिनट तक भगवान भोले शंकर की पूजा अर्चना की। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी देश के ऐसे प्रधानमंत्री बने जिन्होंने बाबा बैद्यनाथ धाम के दरबार में जाकर उनकी पूजा अर्चना की है। देवघर का बैद्यनाथ धाम देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर साल श्रावणी मेले के दौरान यहां बाबा भोले के भक्तों की भारी भीड़ होती है और लोग दूर-दूर से जल चढ़ाने यहां पहुंचते हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनसभा को संबोधित भी किया। मोदी ने कहा कि एक तरफ बाबा का आशीर्वाद और दूसरी तरफ ईश्वर का रूप जनता जनार्दन का आशीर्वाद। यह सब कितनी बड़ी शक्ति देते हैं, ये आप भी जानते हैं और मैं भी। अभी कुछ समय पहले मुझे पूज्य बाबा के चरणों में जाकर दर्शन और पूजन का मौका मिला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आस्था, अध्यात्म और तीर्थस्थलों की धरती है। तीर्थयात्राओं ने हमें, बेहतर समाज और बेहतर राष्ट्र के रूप में गढ़ा है। हम देवघर को ही देखें तो यहां शिव और शक्ति भी है। ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ यहां दोनों मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि बाबा वैद्यनाथ धाम हो, काशी विश्वनाथ धाम हो, केदारनाथ धाम हो, अयोध्या धाम हो, रामायण सर्किट हो, भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थान हों, देश में आस्था, अध्यात्म और ऐतिहासिक महत्व से जुड़े हर स्थान में आधुनिक सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। आज पर्यटन दुनिया के अनेक देशों में एक आकर्षक उद्योग के रूप में रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम बना हुआ है। आज पूरी दुनिया में अनेक देश हैं, जिनकी पूरी अर्थव्यवस्था सिर्फ और सिर्फ पर्यटकों के भरोसे चल रही है।
शिलान्यास और उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपयों की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में योजनाओं की घोषणा होती थी, फिर एक दो सरकार जाने के बाद एक-दो पत्थर लग जाता था। पत्थर लटकता रहता था, दो-चार सरकारें चलने के बाद कोई और आता, फिर वो ईंट लगाता था, पता नहीं कितनी सरकारें जाने के बाद वो योजना सामने दिखती थी। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि आज हम उस कार्य संस्कृति को लाए हैं, उस राजनीतिक संस्कृति को लाए हैं, उस गवर्नेंस के मॉडल को लाए हैं कि जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं।