राज्यसभा चुनाव: टिकट को लेकर कांग्रेस में बवाल, सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूछा -आखिर 6 लाख वोटों से हारने वाले इमरान प्रतापगढ़ी को क्यों दिया राज्यसभा का टिकट
कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु से पी चिदंबरम, कर्नाटक से जयराम रमेश, छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला, राजस्थान से प्रमोद तिवारी और महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी को बनाया उम्मीदवार
क्राइम रिव्यू
नई दिल्ली/लखनऊ। राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में बवाल शुरू हो गया है। पूरा हंगामा राज्यसभा के लिए बनाए गए उम्मीदवारों को लेकर है। अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य विश्वबंधु राय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। इससे पहले पवन खेड़ा, नगमा और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने पर विरोध जताया था। बता दें कि कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने तमिलनाडु से पी चिदंबरम, कर्नाटक से जयराम रमेश, छत्तीसगढ़ से राजीव शुक्ला, राजस्थान से प्रमोद तिवारी और महाराष्ट्र से इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार घोषित किया है।
राज्यसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र के कोटे से इमरान प्रतापगढ़ी को भेजने पर विश्वबंधु राय ने कड़े शब्दों में नाराजगी जाहिर की है। विश्वबंधु ने सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि दिल्ली में बैग और बेड ढोने वालों को ही मुख्य पदों पर नियुक्त किया जाता है। विश्वबंधु ने अपने पत्र में इमरान प्रतापगढ़ी पर खुलकर निशाना साधा है। लिखा गया है कि मुरादाबाद से 6 लाख वोटों से हारने के बाद भी उन्हें अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। लिखा है कि, ‘इमरान प्रतापगढ़ी जुम्मा जुम्मा चार दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुए हैं। मुरादाबाद लोकसभा से करीब 6 लाख वोटों के साथ चुनाव हार गया है। अब तक एक नगर निगम भी चुनाव नहीं जीत पाया है। फिर भी उन्हें अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद दिया गया। अब उन्हें राज्यसभा भी भेजा जा रहा है। .पूछा गया है कि पार्टी एक व्यक्ति के प्रति इतनी मेहरबान क्यों है? क्या उनके मुशायरे में ऐसा गुण है कि पार्टी के अन्य योग्य नेताओं की अनदेखी की गयी। सोनिया गांधी को भेजे गए पत्र में आगे लिखा है कि इसी तरह पंजाब में नवजोत सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर गलती की गई। कहा जाता था कि सिद्धू भी इमरान की तरह कविताएं और कविताएं करते थे। ऐसे में पार्टी में पद पाने के लिए अब कविता में आना जरूरी है? पत्र में यह भी कहा गया है कि महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस के ऐसे ही नेता अपमान में पड़े हैं, अब पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी इसकी अनदेखी कर रहा है।
पवन खेड़ा ने लिखा था- तपस्या में कुछ कमी थी
राज्यसभा चुनाव से पहले अपनी नाराजगी जाहिर करने में विश्वबंधु अकेले नहीं हैं। इससे पहले पवन खेड़ा भी ऐसा कर चुके हैं। राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी थी। इसके बाद अभिनेत्री और कांग्रेस नेता नगमा ने पवन खेड़ा के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि इमरान प्रतापगढ़ी के सामने हमारी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई। इन दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव के टिकटों की घोषणा पर ज्यादा कुछ नहीं कहा है, लेकिन कुछ ही शब्दों में यह संदेश दिया है कि टिकट वितरण में उनकी अनदेखी की गई है। इसके अलावा पृथ्वीराज चव्हाण ने महाराष्ट्र से मुकुल वासनिक को राज्यसभा भेजने की मांग उठाई थी।