लोकसभा उपचुनाव परिणाम : अखिलेश यादव के नेतृत्व में लगातार हार रही है सपा, बन रहे हैं हार के नए रिकार्ड, अब पार्टी में भी नेतृत्व को लेकर उठेंगे सवाल
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद अब सपा को लोकसभा उपचुनाव में बड़ा झटका लगा है। सपा अपने गढ़ कहे जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में चुनाव हार गई है। हालांकि सपा के लिए ये पहली हार नहीं है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी लगातार हार रही है और अखिलेश यादव के नेतृत्व में सवाल उठ रहे हैं। अगर 2012 से देखें तो सपा सत्ता से बाहर होने के साथ ही लगातार चुनाव हार रही है। इसका सबसे बड़ा कारण अखिलेश यादव का नेतृत्व है।
समाजवादी पार्टी के लिए आज का दिन बड़े झटके लेकर आया। रामपुर और आजमगढ़ में सपा को हार मिली है। जबकि समाजवादी पार्टी ने यूपी चुनाव 2022 में सपा को बड़ी हार मिली थी और वह सत्ता से दूर चली गई थी। जानकारों का कहना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव की समीक्षा तक नहीं पाये और अब उन्हें एक और हार मिली है। जिसकी उन्हें समीक्षा करनी होगी। अब इस हार को भी पार्टी के भीतर एक वर्ग में सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि चुनाव आयोग की ओर से विस्तृत रिपोर्ट नहीं आएगी।
विधानसभा चुनावों की समीक्षा नहीं कर सकी सपा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए कई तीन महीना गुजर चुका है। लेकिन समाजवादी पार्टी अभी तक हार के सदमे से उबर नहीं पाई है। विधानसभा चुनाव (यूपी चुनाव) से पहले सत्ता में वापसी के दावे चुनाव परिणामों में फेल हो गए। इसके बाद से ही चुनावी हार के कारणों की समीक्षा का मुद्दा उठता रहा है। चुनाव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में लड़ा गया था। पार्टी की जीत का दावा करने वाले और गठबंधन सरकार बनाने वाले अखिलेश ने इस नतीजे को अब तक एक तरह से स्वीकार नहीं किया है। जबकि विधानसभा चुनाव के बाद विधान परिषद में पार्टी को बड़ी हार मिली थी।
मुस्लिम वोट नाराजगी से हुआ नुकसान
यूपी चुनाव के बाद राज्य में बुलडोजर तेजी से चला। बुलडोजर की चपेट में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता भी आ रहे हैं। वहीं कानून का राज कायम करने के लिए कई अल्पसंख्यक नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। नाहिद हसन और शहजिल इस्लाम का मामला सामने आया है। आजम खान की नाराजगी खबरों में मीडिया में आयी। लेकिन अखिलेश यादव ने सभी मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी। लिहाजा लोकसभा उपचुनाव में सपा को मुस्लिम वोटों की नाराजगी एक बार फिर उठानी पड़ी है।
2012 से अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी की हार
राज्य में 2012 में सपा सत्ता में आयी। ये चुनाव मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में लड़ा गया था। अखिलेश यादव को राज्य का सीएम बनाया गया और उसके बाद वह पार्टी चेहरा बने। अखिलेश यादव के नेतृत्व में इसके बाद जितने भी चुनाव लड़े गए। सभी में सपा को हार का सामना करना पड़ा था। यूपी में स2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव, 2017 के निकाय चुनाव, 2019 का लोकसभा चुनाव, विधान परिषद के चुनाव-2021, उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद आज लोकसभा उपचुनाव के नतीजे ने सपा नेतृत्व एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।