विश्व श्रवण दिवस पर बोले विशेषज्ञ, लोगों में श्रवण समस्याओं के प्रति जन जागरूकता फैलाना जरूरी

संस्था नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड यूपी स्टेट ब्रांच लखनऊ द्वारा जांच व कैंप का आयोजन

क्राइम रिव्यू
लखनऊ। संस्था नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड यूपी स्टेट ब्रांच लखनऊ द्वारा सी.आर.सी लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर कान की जांच एवं प्रशिक्षण कैंप का आयोजन इंदिरा नगर स्थित लेखराज डॉलर के प्रांगण में किया गया। कैंप में 30 दृष्टि दिव्यांग बच्चों के कान की जांच की गई। जिसमे से 5 बच्चों के कान में समस्या पाई गयी। अब बच्चों  उपाय का पुनः परीक्षण विशेषज्ञों द्वारा दिया जाएगा।

कार्यक्रम में सीआरसी के असिस्टेंट प्रोफेसर स्पीच एंड हियरिंग राजीव रंजन ने कहा कि बहरापन तथा श्रवण हानि ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे दुनियाभर में लाखों लोग पीड़ित हैं। डब्ल्यूएचओ की मानें तो वर्ष 2050 तक इन समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़कर 900 मिलियन तक पहुंचने की आशंका है। यही नहीं दुनिया भर में विभिन्न माध्यमों के जरिए बढ़ने वाले शोर तथा उससे संबंधित प्रदूषण के चलते 12 से 35 वर्ष की आयु वाले लगभग 1.1 बिलियन लोगों में श्रवण हानि या बहरेपन जैसी समस्या उत्पन्न होने की आशंका भी जताई जा रही है। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए बहरेपन और श्रवण हानि के प्रति लोगों में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में 3 मार्च को ‘विश्व श्रवण दिवस’ मनाया जाता है।
कार्यक्रम संस्था की उपाध्यक्ष अमिता दुबे ने कहा कि बहरेपन की समस्या को जागरूकता और जानकारी के जरिए काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे की स्क्रीनिंग करवाई जाए और बुजुर्ग भी इस बारे में सजग रहें तो बधिरता जैसी बीमारी के मामलों में गिरावट आ सकती है।कार्यक्रम में सीआरसी के ओ एंड एम इंस्ट्रक्टर- विकास मिश्रा, नागेश पांडे, मयंक, पियूष रस्तोगी, मोहित, अंजलि के साथ-साथ दृष्टि दिव्यांग बच्चे, उनके अभिभावक आदि उपस्थित रहे।

 

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