व्यक्ति की कुंडली बताती है कि उसके जन्म के समय ग्रह नक्षत्र की स्थिति
ज्योतिष कक्षा पार्ट 1में जाने कुंडली क्या होती है
ॐ नमः शिवाय
ज्योतिष कक्षा Part—1
क्राइम रिव्यू
प्रिय पाठकों ज्योतिष की कक्षा में आप सभी का स्वागत है।
सर्वप्रथम हम यह जानेंगे कि कुंडली क्या होती है?
किसी भी व्यक्ति की कुंडली यह बताती है कि उसके जन्म के समय ग्रह नक्षत्र की स्थिति आकाश मंडल में क्या है। जो स्थिति ग्रह नक्षत्र की आकाश मंडल में जन्म के समय होती है वही उस व्यक्ति की कुंडली होती है।
आज हम जानेंगे कि कुंडली में कितने भाव होते हैं कितनी राशियां होती है और कितने ग्रह होते हैं।
भाव:—
भाव कभी नहीं बदलते।
भाव इस संसार की प्रत्येक कुंडली में नीचे दिए गए क्रम के अनुसार ही होते हैं।
किसी भी कुंडली में भाव कुल 12 होते हैं नीचे दी गई कुंडली में 1 लेकर 12 भाव दिए गए यानी कि एक नंबर जहां लिखा है वह लग्न है उसके पश्चात क्रमशः द्वितीय भाव , त्रितीय भाव, चतुर्थ भाव पंचम भाव , षष्ठ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव, नवम भाव, दशम भाव, एकादश भाव एवं द्वादश भाव।
राशियां :—
राशियां कुल 12 प्रकार की होती हैं और उनके स्वामी ग्रह जो कि निम्न प्रकार से हैं:
राशि. राशि स्वामी
1. मेष राशि. मंगल
2. वृषभ. शुक्र
3. मिथुन. बुध
4. कर्क. चंद्रमा
5. सिंह. सूर्य
6.कन्या. बुध
7.तुला. शुक्र
8. वृश्चिक. मंगल
9. धनु. बृहस्पति (गुरु)
10.मकर. शनि
11.कुंभ. शनि
12.मीन. बृहस्पति (गुरु)
ग्रह:—
ग्रहों की संख्या 7 होती है और 2 छाया ग्रह होते हैं छाया ग्रह का तात्पर्य राहु और केतु से है।
ग्रह — सूर्य ,चंद्रमा , मंगल, बुद्ध बृहस्पति, शुक्र, शनि।
छाया ग्रह— राहु और केतु
प्रिय पाठकों आज हमने कुंडली में भाव राशियां राशियों के स्वामी और ग्रहों के बारे में सूक्ष्म जानकारी ली अगले बृहस्पतिवार को हम भाव के कारक(significator) और उनके करकत्व (significance) के बारे में विस्तार से जानेंगे ।
अगले बृहस्पतिवार को एक कुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण भी दिया जाएगा. जिससे आपको ज्योतिष समझने में आसानी होगी
हमारी नई ऑनलाइन ज्योतिष की क्लास 9 अगस्त से शुरू होने वाली है जो भी पाठक इच्छुक हो कृपया नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करें।
धन्यवादएस्ट्रोलॉजर विवेक
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