आरबीआई कॉलोनी बनी पहली ‘इको फ्रेंडली कॉलोनी’

प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सेक्टर- जे अलीगंज में है आरबीआई आवासीय कॉलोनी

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सेक्टर- जे अलीगंज में बनी आरबीआई आवासीय कॉलोनी पहली इको फ्रेंडली कॉलोनी बन गई है, जहां तपिश कम करने के सारे इंतजाम किए गए हैं। वहीं, बिजली बचाने के लिए सौर ऊर्जा और सोलर वाटर हीटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा सभी प्रमुख जगहों पर सेंसर लगे हुए हैं, जिसके जरिए कमरा खाली होने पर लाइट्स अपने आप बंद हो जाती हैं। जबकि पेट्रोल डीजल की जगह पर इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल होता है। पार्किंग में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की सुविधा भी है।

यही नहीं, बारिश का पानी बर्बाद ना हो इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग पूरी कॉलोनी में 4 जगहों पर बनायागया है. इस कॉलोनी में 250 परिवार रहते हैं. आरबीआई कॉलोनी को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने ‘प्लैटिनम रेटिंग 2022-25 दी है मानकों पर खरी उतरी भारतीय रिजर्व बैंक की कॉलोनी को 100 में से 87 अंकों के आधार पर प्लैटिनम रेटिंग दी गई है। यह कॉलोनी पूरी तरह से इको फ्रेंडली है।

ये हैं इस कॉलोनी की खासियतें

– इस कॉलोनी में एंट्री गेट पर हैंड सैनिटाइजर लगाया गया है कॉलोनीमें प्रवेश करने वाला हर व्यक्ति सबसे पहले इस हैंड सैनिटाइजर से हाथों को साफ करता है।

– इस पूरी कॉलोनी में ढाई सौ से ज्यादा पेड़ हैं, जिसमें डेढ़ सौ के करीब अशोक के पेड़ हैं. 19,750 वर्ग मीटर के कुल क्षेत्रफल में हरियाली को अधिकारियों ने 35 फीसदी तक बढ़ाया है

-इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल हो रहा है, तो पार्किंग में 3 चार्जिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। इसके जरिए इन इलेक्ट्रिक वाहनों को उनके मालिक चार्ज कर सकते हैं। 4- रसोई और बगीचे के कचरे को अलग-अलग करके जैविक कचरा संयंत्र के जरिए उसमें डालकर खाद बनाया जाता है. जैविक और अजैविक कचरा दोनों ही अलग अलग कूड़ेदान में भी डाला जाता है।

-कॉन्फ्रेंस हॉल, जिम और कुछ प्रमुख जगहों पर सेंसर लगा हुआ है, जिसके जरिए कमरा खाली होते ही अपने आप वहां की लाइट बंद हो जाती हैं, जिससे बिजली की बर्बादी नहीं होती।
– कॉलोनी में बोलार्ड लाइट्स लगाई गई हैं. इन लाइट्स कीखासियत यह होती है कि यह सोलर से जलती हैं।
– कॉलोनी में छत के ऊपर एक अलग तरह का सफेद रंग का पेंट कराया गया है, जिसके जरिए बिल्डिंग में तपिश नहीं होती है. वहीं, तापमान सामान्य बना रहता है।
– बिजली के भार को कम करने के लिए 25 केवीए का ऑन ग्रिड सोलर प्लांट लगाया गया है. यही नहीं, 500 और 200 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर भी लगाए गए हैं.
– कॉलोनी में ओपन जिम औरइनडोर जिम दोनों ही बने हुए हैं. इसके अलावा बच्चों के लिए पार्क बना हुआ है. साथ ही दिव्यांगों के लिए भी इस कॉलोनी में अच्छी सुविधा भी दी गई है, ताकि उन्हें कहीं से भी चढ़ने उतरने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसके अलावा इस कॉलोनी में एक वर्कफ्रॉम होम ऑफिस और एक डिस्पेंसरी भी बनी हुई है.

क्या कहते हैं अधिकारी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. बालू केंचप्पा ने बताया कि देशभर के सभी रिजर्व बैंक ऑफइंडिया की कॉलोनी को ग्रीन कॉलोनी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लखनऊ की इस कॉलोनी को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की ओर से ग्रीन रेजिडेंशियल सोसायटी रेटिंग सिस्टम से कॉलोनी को प्लैटिनम रेटिंग दी गई है। अभी इस कॉलोनी में और कई बड़े बदलाव किए जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्लैटिनम रेटिंग मिलना उनके और उनकी टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है।
वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर दिगंत चंद्रा नेबताया कि इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की टीम इस कॉलोनी में आई थी. पूरा निरीक्षण किया था। सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को जांचा था। इसके बाद इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल के मानकों के आधार पर 100 में से 87 मानकों पर यह कॉलोनी खरी उतरी थी. जिस वजह से इसको प्लैटिनम 2022-25 मिला है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सिविल इंजीनियर संजय गज्जर ने बताया कि इस कॉलोनी को पूरी तरह से इको फ्रेंडली बना दिया गया है। इससे पर्यावरण सुरक्षित रहेगा ही, इसके साथ लोगों की सेहत पर भीइसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा और आने वाले वक्त में इसके असर देखने
को भी मिलेगा।

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