उत्तराखंड ब्यूरोक्रेसी : पूर्व आईएएस अधिकारी रामविलास यादव की पत्नी कुसुम यादव की बढ़ेंगी मुश्किलें, उत्तराखंड विजिलेंस विभाग की टीम कराएगी FIR
विजिलेंस की अब तक की जांच में पता चला है कि रामविलास की सारी संपत्तियां उनकी पत्नी कुसुम के नाम पर हैं। ऐसे में उनकी आय के स्रोतों की भी जांच की जा रही है।
क्राइम रिव्यू
देहरादून/ लखनऊ। उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में बंद पूर्व आईएएस अधिकारी राम विलास यादव की पत्नी कुसुम यादव की मुश्किलें जल्द ही बढ़ने वाली हैं। क्योंकि तीन बार नोटिस देने के बावजूद राम विलास यादव की पत्नी कुसुम यादव विजिलेंस की टीम के सामने पेश नहीं हो रही है और अब उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी है। असल में संपत्ति का पता लगाने में विजिलेंस के पसीने छूट रहे हैं। यादव की पत्नी नौ नोटिस जारी होने के बावजूद एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं आई थीं। लिहाजा अब विजिलेंस भी कुसुम को आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है।
असल में विजिलेंस की अब तक की जांच में पता चला है कि राम विलास की सारी संपत्तियां उनकी पत्नी कुसुम विलास के नाम पर हैं। ऐसे में उनकी आय के स्रोतों की भी जांच की जा रही है। विजिलेंस को शक है कि यह सारी संपत्ति पूर्व आईएएस अधिकारी ने अर्जित की है। इसलिए उसे धारा 120-बी (अपराध करने की साजिश में शामिल) के तहत आरोपी बनाने का प्रावधान है, जिसके नाम पर संपत्ति रखी गई है। इसके तहत विजिलेंस जल्द ही रामविलास की पत्नी के खिलाफ 120बी के तहत केस दर्ज कर सकती है।
कुसुम यादव के खिलाफ होगी एफआईआर
विजिलेंस ने भी सोमवार को कुसुम बिलास को बुलाने का नोटिस भेजा। एसएसपी-विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि सारी संपत्ति रामविलास की पत्नी के नाम है। यह साबित हो रहा है कि यह रामविलास की कमाई की संपत्ति है। इसके बाद उसकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
रामविलास यादव के घर पर नहीं मिला सोना
जांच अधिकारी और सीओ अनुषा बडोला ने बताया कि यह पहला ऐसा मामला है जहां किसी के पास करोड़ों की संपत्ति है और उसके पास सोने के एक भी जेवरात नहीं हैं। जबकि, पूर्व आईएएस अधिकारी के हर ठिकाने की तलाशी ली गई। इस साल अप्रैल में रामविलास के खिलाफ मुकदमे के ठीक बाद उनकी पत्नी और उनके बैंक लॉकरों का भी संचालन किया गया था। ऐसे में इनसे सोना निकाला गया होगा, इस पर संशय है। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है। जांच में उनकी पत्नी बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रही हैं। उसे भेजकर एक बार फिर से बुलाया गया है।