एलडीए ने कसी कमर, मार्च से नजूल की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए चलाएगा अभियान
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों वर्ग मीटर नजूल की जमीनों पर है कब्जा
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण शहर की कई लाख वर्ग मीटर नजूल की जमीनों से कब्जा वापस लेने के लिए मार्च से अभियान चलाएगा। उसके लिए एलडीए सर्वे करा रहा है। यह नजूल की जमीन शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में पड़ी है। 28 फरवरी तक समग्र रिपोर्ट तैयार होते ही कार्रवाई मार्च से शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद इन जमीनों पर क्या होना है? उस पर काम किया जाएगा। शासन ने नजूल की जमीनों के नवीनीकरण पर जून 2020 फिर लोग लगा रखी है। ऐसे में 467 लोगों के पट्टे खत्म होने की पूरी सूची तैयार की गई है। इनसे अभियान चलाकर जमीन नजूल की वापस ली जाएगी। नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि नजूल की जमीनों पर पट्टा किसी का 10 साल के लिए था, तो किसी का 50 साल के लिए। वैसे अधिकतम नजूल की जमीनों के पट्टे 30 साल के थे। अब ऐसे लोगों को स्वत नजूल की भूमि खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है। इनमें कई खाली करने को तैयार नहीं है। पुलिस प्रशासन की मदद से उसे मुक्त कराने की योजना है।
यह नजूल की जमीनें गोलागंज, गणेशगंज, अलीगंज, अस्तबल चारबाग, टीजी सेंट्रल स्कीम, अहसद गंज, अहाता असद कंधारी बाजार, अमानीगंज, नरही, फतेहगंज, चाइना गेट, ऐशबाग, जनरैलगंज, कटरा खुद याद खां, तहसीन गंज, वजीरगंज, सुल्तानगंज, बैरूनी खंदक, रामगंज, भदेवा, पाटा नाला, हजरतगंज, हैदरगंज कदीम, हुसैनगंज, हैबलक बशीर का पुरवा, हाता गनी खान, चिकमंडी, सिकंदरपुर, छितवापुर, बिरहाना, मसकगंज, मौजा कुतुबपुर, महानगर, मकबूलगंज, बेगमगंज, बोसगंज, बरफखाना, घसियारी मंडी सहित कई क्षेत्रों में नजूल की जमीनें पड़ी हैं।
अवध जिमखाना की जमीन पर जल्द होगा निर्णय
अवध जिमखाना क्लब कैसरबाग लखनऊ के नाम आवंटित भूमि की लीज का नवीनीकरण फंसा हुआ है। एलडीए के मुताबिक वर्ष 1973 में लीज खत्म हो गई थी। उसके बाद से यह मामला लंबित है। नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर ज्ञापन दिया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। कोर्ट से निर्णय आने के बाद ही कोई फैसला लिया जा सकेगा। वर्तमान में शासन ने नजूल की जमीनों का नवीनीकरण पर रोक लगा रखी है।