कोरोना काल में संगीत चिकित्सा से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : कांति लाल शाह
संगीत में है कई बीमारियों का निदान
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। कोरोना जैसी भयावह महामारी के कारण जहां पूरी दुनिया के लोग विषम परिस्थितियों में तमाम तरह के अवसाद से ग्रसित होकर मानसिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं, ऐसे में अगर संगीत कला का प्रयोग किया जाए तो तमाम तरह के मानसिक विकार से बचकर सामान्य और सुखी जीवन जिया जा सकता सकता है, ऐसा कहना है संगीत मर्मज्ञ और संगीत विदूषक कांतिलाल शाह का। जो कोरोना काल और लॉकडाउन में संगीत की विभिन्न धाराओं के माध्यम से मानसिक रूप से पीड़ित लोगों के जीवन को सामान बनाने का कार्य दृढ इच्छा शक्ति से कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जैसे कि कहा जाता है कि प्रकृति के कण-कण में संगीत, तो इस प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए, संगीत का सही से प्रयोग किया जाए, तो हम तमाम तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। संगीत केवल मनोरंजन मात्र नहीं है, वरन इसके कई सारे फायदे भी हैं अनेक वैज्ञानिक रिसर्च ने इस बात को प्रमाणित किया है कि संगीत किसी दवा से कम नहीं है।
कांतिलाल शाह ने बताया कि मैंने वर्षों की संगीत साधना में यह पाया है कि भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति तनाव में हैं और इस वक्त कोरोना काल में कुछ ज्यादा ही मानसिक रूप से परेशान है, अगर ऐसे वक्त में अच्छे संगीत को सुना जाए तो मन मस्तिष्क में नई ऊर्जा का संचार होता है और मस्तिष्क में कार्टिसोल का स्तर कम होता है और दिमाग को सुचारू रूप से काम करता है। संगीत किसी भी तरह का दर्द कम करता है। उन्होंने बताया कि फेफड़ों की गंभीर बीमारी के अलावा संगीत चिकित्सा से सांस से संबंधित रोगों का इलाज कुछ हद तक किया जा सकता है।
याददाश्त अच्छी करने के लिए सुने संगीत
70 वर्षीय कांतिलाल शाह बताते हैं कि जिन व्यक्तियों की याददाश्त अच्छी नहीं है, उनको संगीत सुनना चाहिए। जिससे उनकी याददाश्त में मदद मिलती है।इसके अलावा जिन लोगों को नींद नहीं आती, उनको संगीत सुनना चाहिए ताकि अच्छी नींद आ सके।उन्होंने बताया कि संगीत दिल की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। संगीत सुनने से दिमाग के अंदर एंडोर्फिन्स हार्मोन का स्राव होता है, जिससे दिल को तमाम तरह से फायदा होता है और रक्त का प्रवाह समान हो जाता है। उन्होंने बताया कि संगीत रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है इसके अलावा पाचन प्रणाली को नियमित करता है।
अनेक संगीत मंचो और संगीत गलियारों में अपनी संगीत कला का लोहा मनवा चुके कांतिलाल शाह ने बताया कि शास्त्रीय संगीत में अनेक राग हैं जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों में किया जाता है जैसे हृदय रोग में राग दरबारी और राग सारंग, अनिद्रा रोग में राग भैरवी और राग सोहनी, पित्त रोग में राग खमाज, एनीमिया रोग में में राग पीलू, डिप्रेशन रोग में राग बिहाग और राग मधुवंती, अस्थमा में राग मालकौन्स और राग ललित। उन्होंने बताया कि वह रोजाना एक भजन, गीत और भजन गाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं जिसे लोग सुनकर स्वयं को, अपने परिवार को और अपने आसपास के लोगों को एकाग्रचित्त और प्रसन्न रख सके।