ज्ञानवापी मस्जिद – श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद : मुख्य वादी राखी सिंह नहीं वापस लेंगी केस, आज है अहम सुनवाई
परिवादी के वकील शिवम गौड़ ने बताया कि राखी सिंह अपना नाम वापस नहीं लेंगी, लेकिन अन्य 5 मामलों में से एक में संशोधन किया जाना है
क्राइम रिव्यू
वाराणसी। प्रदेश समेत पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहे ज्ञानवापी मस्जिद और मां शृंगार गौरी मंदिर में सोमवार को बड़ा मोड़ आ गया है। इस मामले में अब हिंदू पक्ष के लिए अच्छी खबर आई है। श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी की पूजा को लेकर दायर याचिका में हिंदू पक्ष की ओर से राखी सिंह ने अब अपनी याचिका वापस नहीं लेंगी। राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने याचिका दायर कर श्रृंगार गौरी के अंदर पूजा की मांग की थी। इसी आधार पर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे का काम किया जा रहा है। आज प्रतिवादी पक्ष की अधिवक्ता आयुक्त बदलने की याचिका पर सुनवाई है। ज्ञानवापी मामले में 12 बजे तक सुनवाई होनी थी, लेकिन अभी तक एक पक्ष नहीं पहुंचा है। कोर्ट ने दोपहर 2 बजे तक का समय दिया है।
राखी सिंह इस केस को पूरी तरह से लीड करेंगी। परिवादी के वकील शिवम गौड़ ने बताया कि राखी सिंह अपना नाम वापस नहीं लेंगे, लेकिन अन्य 5 मामलों में से एक में संशोधन किया जाना है। वकील ने बताया कि आज श्रंगार गौरी के मामले में सिर्फ सुनवाई होनी है, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का ताला तोड़ने की मांग होगी, कोर्ट कमिश्नर में कोई दोष नहीं है। दो दिन पहले ही कोर्ट कमिश्नर मस्जिद में गए थे, जहां उनका विरोध किया गया। जिसके बाद वहां पर सर्वे का काम रोक दिया गया।
क्या है पूरा मामला
भले ही इसी क्षेत्र में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का मामला वाराणसी की स्थानीय अदालत में 1991 से चल रहा हो और फिर हाईकोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही हो, लेकिन मां शृंगार गौरी का मामला महज डेढ़ साल का है। केवल सात महीने की उम्र में। 18 अगस्त 2021 को वाराणसी की पांच महिलाओं ने शृंगार गौरी मंदिर में दैनिक दर्शन और पूजा की मांग सहित अन्य मांगों के साथ वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मुकदमा दायर किया था, जिसे अदालत ने न केवल इस अवसर पर स्वीकार कर लिया। स्थिति जानने के लिए वकीलों के एक आयोग की नियुक्ति करने और तीन दिनों के भीतर अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया गया था।