पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, जेपी नड्डा ने किया ऐलान
6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए डाले जाएंगे वोट और उसी दिन आएंगे नतीजे। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को हो रहा है खत्म
क्राइम रिव्यू
नई दिल्ली। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान किया। आज संसदीय बोर्ड की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। दोपहर बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उधर, धनखड़ ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। अब 6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे और उसी दिन नतीजे भी आएंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है।
राजस्थान की राजनीति का जाना-माना चेहरा रहे जगदीप धनखड़ को केन्द्र की मोदी सरकार ने एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि वर्तमान में वह पश्चिम बंगाल का राज्यपाल हैं। राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके धनखड़ राजनीति के अनुभवी खिलाड़ी रहे हैं, राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। धनखड़ को ऐसे समय में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था जब राज्य में टीएमसी और बीजेपी के बीच तनाव चरम पर था।
धनखड़ राजनीतिक और कानून के जानकार हैं
धनखड़ को कानून, राजनीति, राजनीतिक पैंतरेबाज़ी और हर पार्टी के भीतर अपने संबंधों में महारत हासिल करने के लिए जाना जाता है। वह राजस्थान के जाट समुदाय से आते हैं और राजस्थान में जाटों के लिए आरक्षण पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। धनखड़ की इस समुदाय में अच्छी प्रतिष्ठा है। धनखड़ की नियुक्ति का एक मकसद इस बिरादरी के बीच एक संदेश भी हो सकता है।
बंगाल में मारवाड़ियों का बहुत प्रभाव है
धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाने के पीछे बंगाल में मारवाड़ियों का अच्छा खास प्रभाव माना गया था। लेकिन अब बीजेपी ने उन्हें उपराष्ट्रपति का प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा हमेशा इस समुदाय को अपना वोट बैंक मानती है। बंगाल में राजस्थान मूल के समुदाय का एक बड़ा हिस्सा शेखावाटी यानी सीकर और झुंझुनूं का है। झुंझुनूं धनखड़ की जन्मभूमि के साथ ही करमा की भूमि भी थी।
जानिए कैसा रहा जगदीप धनखड़ का सियासी कैरियर
धनखड़ केंद्रीय मंत्री भी रहे और 1989 से 91 तक वे झुंझुनूं से जनता दल के सदस्य रहे। हालांकि बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। वह अजमेर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव हार गए थे। धनखड़ फिर 2003 में भाजपा में शामिल हो गए थे। अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए। धनखड़ न केवल एक राजनेता हैं, बल्कि एक सम्मानित वकील भी रहे हैं। वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।