पढ़ने में कमजोर बच्चे भी प्राप्त कर सकते हैं मंजिल : गिरिवर दयाल सिंह
'सिविल सेवा परीक्षा : चुनौती एवं संभावनाएं' विषय पर आयोजित सेमिनार में वरिष्ठ आईएएस श्री सिंह ने छात्र छात्राओं का किया मार्गदर्शन
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। यूपीएससी की परीक्षाओं में सफल होने के लिये यह जरुरी नहीं कि वह अपने कॉलेज का टॉपर ही हो। यदि ऐसा होता तो सभी कॉलेज में टॉप करने वाले बच्चे ही आईएएस बनते, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। इसलिए असफलता से आपको घबराने की जरुरत नहीं है। आप सही दिशा में लगातार और कठिन परिश्रम करें। सफलता आपकी कदम चूमेगी।
ये बातें शनिवार को जीबीआरडीएफ, नई दिल्ली की ओर से संचालित अभियान – 40 (आईएएस) एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज की ओर से आयोजित सेमिनार में बिहार प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी एवं बिहार सरकार के आयुक्त गिरवर दयाल सिंह ने कही।
‘सिविल सेवा परीक्षा : चुनौती एवं संभावनाएं’ विषय पर आयोजित सेमिनार में वरिष्ठ आईएएस श्री सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों में दृढ़ इच्छाशक्ति और लगन हो तो कोई भी परीक्षा उतीर्ण करना कठिन नहीं है, चाहे वह यूपीएससी ही क्यों नहीं हो। मुख्यतः इस कठिन परीक्षा में सफलता के लिये अभ्यर्थियों में शैक्षिक योग्यता के साथ अनुशासन और धैर्य होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन में देखा गया है कि बहुत सारे बच्चे जो शुरू के दिनों में पढ़ाई में अव्वल थे, वे कुछ खास उपलब्धि नहीं प्राप्त कर सके। वहीं उनके साथ पढ़नेवाले कमजोर बच्चे बहुत आगे निकल गए।
इस मौके पर संस्थान के निदेशक बिलास कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में इस तरह का जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक यह संस्थान बिहार और दिल्ली में अपनी कक्षाएं आयोजित कर रहा है, अब इसी कड़ी में पिछले साल से लखनऊ में भी निःशुल्क कक्षाओं का शुभारंभ किया गया है। इस मौके पर तकनीकी परिषद, उत्तरप्रदेश के सदस्य कमलेश अग्रवाल ने कहा कि अभियान -40 (आईएएस) का यह पहल बेहद सराहनीय है। उन्होंने आस्वस्त किया कि जहां तक संभव होगा वे यहां आकर अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे ताकि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उचित मार्गदर्शन दिया जा सके। इस मौके पर तारिक अहमद, अनुज्ञा रावत समेत बड़ी संख्या में छात्र – छात्राओं एवं गणमान्य लोग मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन एस आर कृष्णा, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज ने किया।