बाढ़ पीड़ितों की हर क्षति पर मुआवजे का इंतजाम
जन व पशु हानि या फिर फसल व मकान को नुकसान, हर तरफ सीएम योगी का ध्यान
क्राइम रिव्यू
गोरखपुर/लखनऊ। बाढ़ की आपदा में योगी सरकार ने पीड़ितों को हुई हर क्षति की प्रतिपूर्ति का इंतजाम सुनिश्चित कर दिया है। यह क्षति चाहे जन या पशु की हो या फिर फसल व मकान की। रोजी का जरिया प्रभावित हुआ हो तो उसके लिए भी सरकार ने मदद का प्रावधान कर रखा है।
सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों की आर्थिक सहायता के लिए किए गए प्रावधानों की जानकारी गत दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद भी दी। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का सघन दौरा कर पीड़ितों में राहत सामग्री तो बांटी ही, हर जगह लोगों को उन तमाम सरकारी प्रावधानों की जानकारी भी दी जिससे वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें। सीएम ने स्पष्ट किया था कि जन व पशु हानि के साथ ही फसल व मकान के नुकसान का मुआवजा देने को सरकार तत्पर है।
जन हानि के साथ दिव्यांगता व गंभीर चोट पर आर्थिक मदद
बाढ़ के कारण यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो राज्य सरकार की तरफ से उसके परिवार को 4 लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि दी जाएगी। इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पंचनामा या एसडीएम की रिपोर्ट की जरूरत होगी। इस आपदा में यदि किसी का अंग भंग हो जाता है या वह व्यक्ति दिव्यांग हो जाता है तो उसके साथ भी सरकार खड़ी मिलेगी। सरकारी डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर 40 से 60 प्रतिशत दिव्यांगता पर 59100 रुपये तथा 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता पर 2 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट के कारण यदि एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़े तो 4300 रुपया प्रति व्यक्ति तथा एक सप्ताह से अधिक भर्ती रहने की दशा में 12700 रुपये सरकार देगी।
मकान और पशुशाला क्षतिग्रस्त होने पर भी सरकारी मदद
बाढ़ के चलते क्षतिग्रस्त मकान और पशुशाला के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सहायता के लिए निर्देशित कर रखा है। अत्यधिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए 95100 रुपये तथा आंशिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए 5200 रुपये की सहायता राशि पीड़ित व्यक्ति को दी जाएगी। इसी तरह आंशिक क्षतिग्रस्त कच्चे मकान के लिए 3200 रुपये, क्षतिग्रस्त या नष्ट झोपड़ी के लिए 4100 रुपये मिलेंगे। मकान से संबद्ध पशुशाला के क्षतिग्रस्त होने पर 2100 रुपये की मदद का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सीएम ने यह निर्देश भी दिए हैं कि किसी व्यक्ति का मकान नदी की धारा में विलीन हो गया हो तो उसे जमीन का पट्टा देकर उसके लिए मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ भी सुनिश्चित कराया जाए।
फसल नुकसान का मुआवजा, खेत मे सिल्ट जमा होने पर भी सहायता राशि
बाढ़ से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभी से सर्वे का आदेश दे रखा है ताकि किसानों को समय से मुआवजा मिल सके। सरकारी इंतजामों के मुताबिक कृषि फसलों, औद्यानिक फसलों व वार्षिक फसलों के 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान पर क्षतिपूर्ति मिलेगी। इसमें असिंचित क्षेत्र के लिए 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा सिंचित क्षेत्र के लिए 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। बहुवर्षीय फसल के लिए यह मदद 18000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से होगी। यही नहीं खेत में बाढ़ के पानी से सिल्ट जमा हो गया तो उसकी डिसिल्टिंग के लिए 12200 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। यदि नदी के प्रवाह बदलने से भूमि का अधिकांश भूभाग नष्ट हो जाए तो 37500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सरकारी मुआवजा दिया जाएगा।
पशु, कुक्कुट व मत्स्यपालन की क्षति पर भी ध्यान
बाढ़ में बड़े दुधारू पशु (भैंस, गाय आदि) की मृत्यु होने पर योगी सरकार ने पशुपालक को 30000 रुपये प्रति पशु की दर से आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था की है। इसी प्रकार छोटे दुधारू पशु (बकरी, भेड़, सुअर) की मृत्यु पर 3000 रुपये प्रति पशु, गैर दुधारू बड़े पशु (ऊंट, घोड़ा, बैल) के लिए 25000 प्रति पशु तथा दुधारू छोटे पशु (गाय-भैंस के बच्चे) के लिए 16000 रुपया प्रति पशु के हिसाब से मदद मिलेगी। कुक्कुट के नुकसान पर कुक्कुटपालकों को 50 रुपये प्रति कुक्कुट की दर से सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मत्स्यपालन करने वालों को हुए नुकसान पर भी सरकार ने पूरा ध्यान दिया है। इसमें आंशिक क्षतिग्रस्त नौकाओं के लिए 4100 तथा पूर्ण क्षतिग्रस्त नौकाओं के लिए 9600 रुपया प्रति नौका की दर से मदद दी जाएगी। साथ ही आंशिक क्षतिग्रस्त जाल के लिए 2100 और पूरी तरह क्षतिग्रस्त जाल के लिए 2600 रुपये मुहैया कराए जाएंगे। मत्स्य बीज फार्म को नुकसान होने की दशा में 8200 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता देने का प्रावधान किया गया है।
कपड़ा, बर्तन व रोजी के नुकसान की होगी भरपाई
बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त या दो दिन से अधिक जलमग्न मकानों में हुए कपड़ों व बर्तन के नुकसान की भरपाई अब सरकार करेगी। प्रति परिवार 1800 रुपये कपड़ों के नुकसान पर तथा 2000 रुपये बर्तन या घरेलू सामग्री नष्ट होने की दशा में दिया जाना है। इतना ही नहीं, इस आपदा में जिन परिवारों की आजीविका गंभीर रूप से प्रभावित हुई है और वे राहत कैम्पों में नहीं रह रहे हैं, उन्हें 60 रुपये प्रति वयस्क और 45 रुपये प्रति अवयस्क के हिसाब से सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। बाढ़ के कारण यदि किसी शिल्पकार-दस्तकार का औजार क्षतिग्रस्त हुआ है तो उसे भी सरकार पुनः औजार खरीदने के लिए आर्थिक सहायता देगी। औजार का नुकसान होने पर प्रति शिल्पकार 4100 रुपये की धनराशि मिलेगी। साथ ही यदि किसी दस्तकार का कच्चा माल या निर्मित/अर्धनिर्मित उत्पाद खराब हुआ तो इसके लिए भी 4100 रुपये प्रति दस्तकार की दर से धनराशि मुहैया कराई जाएगी।