महामारी संकट में गोवंशों को आश्रय का प्रबंध कर रही योगी सरकार
5268 गो-आश्रय स्थलों पर पर 5,73,417 गोवंश किए गए संरक्षित
-1,637 कुपोषित परिवारों को 1,646 दुधारू गोवंश किए गए सुपुर्द
-हर जिले में कोविड हेल्प डेस्क से हो रही गोवंशों की देखभाल और जांच
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। कोरोना संकट काल में गोवंशों की चिंता करते हुए योगी सरकार ने गोवंश संरक्षण के प्रयास और तेज कर दिए हैं। हर जिले में कोविड हेल्प डेस्क का निर्माण किया गया है। हेल्प डेस्क पर पशुओं के लिए भी थर्मल स्कैनर, आक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। प्रदेश के नागरिकों के साथ गोवंशों की भी उचित देखभाल और उनके आश्रय का समुचित प्रबंध सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है।
सीएम योगी के अथक कोशिशों से गो आश्रय स्थलों, गोशालाओं में बड़े पैमाने पर निराश्रित गोवंशों को आश्रय मिल रहा है। सरकार तेजी से इन गोशालाओं और गो आश्रय स्थलों की संख्या में वृद्धि कर रही है। ताकि अधिक से अधिक गोवंशों को आश्रय दिया जा सके और प्रदेश को छूट्टा जानवरों की समस्या से निजात दिलाया जा सके।
यूपी पशुपालन विभाग के प्रयासों से यूपी में 5268 गो-आश्रय स्थल संचालित हैं, जहां पर 5,73,417 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। जिनमें गांव और शहर मिलाकर 4,529 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों पर 4,64,311 गोवंश संरक्षित किए गए। तो वहीं 161 कान्हा गोशालाओं में 40,640 गोवंश, 407 कांजी हाउसों में 10,827 गोवंश संरक्षित किए गए। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 171 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र / गोवंश वन्य विहार का निर्माण किया गया है जिनमें 57,639 गोवंश संरक्षित हैं।
बेसहारा गौ माता को आश्रय दिलाने की मंशा से संचालित मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत अब तक 85,869 गोवंश सुपुर्दगी में दिए गए हैं और करीब 44,651 पशुपालक इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश की भविष्य की पीढ़ी को कुपोषण से मुक्त कराने के दृढ़ संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से पोषण मिशन अभियान के तहत प्रदेश में 1,637 कुपोषित परिवारों को 1,646 दुधारू गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। साथ ही प्रदेश की 553 पंजीकृत और 377 क्रियाशील पंजीकृत गोशालाओं में 1,05,380 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 304 अपंजीकृत गोशालाओं में 47,040 गोवंश संरक्षित हैं।
कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के समस्त जिलों में करीब 700 हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। साथ ही पशुओं की देखभाल और जांच के लिए 51 आक्सीमीटर एवं 341 थर्मल स्केनर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
गोशालाओं को गोवंशों के भरण पोषण के लिए मिला अनुदान
वित्तीय वर्ष गोशाला धनराशि (करोड़ में)
2017-18 39 07.79
2018-19 96 22.63
2019-20 92 28.02
2020-21 130 38.98
(नोट- 28.04.2021 को 87 गोशालाओं को भरण-पोषण के लिए धनराशि 15.69 करोड़ आवंटित किया गया है)