यूपी एसटीएफ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक के मास्टरमाइंड सैयद सादिक मूसा को साथी योगेश्वर राव के साथ किया गिरफ्तार
वर्ष-2021 में उत्तराखण्ड राज्य में आयोजित SSSC-2021 की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र इन्जीनियरिंग कालेज चौराहे पर स्थित आरएमएस सल्यूशन कम्पनी लखनऊ द्वारा हुआ था मुद्रित
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक के मास्टरमाइंड सैयद सादिक मूसा व उसके साथी योगेश्वर राव को यूपी एसटीएफ ने पालिटेक्निक चौराहे से पूर्व बांसमण्डी के पास थाना क्षेत्र विभूतिखण्ड से गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक उत्तराखण्ड राज्य में पेपर लीक कराने वाले गैग का सरगना व उसका साथी पालिटेक्निक चौराहे के पास किसी से मिलने आने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर उ0नि0 विनय कुमार सिंह के नेतृत्व में उ0नि0 मनोज सिंह, मु0आ0 रमेश चन्द्र उपाध्याय, सुधीर सिंह, आरक्षी अमित कुमार, सत्यप्रकाश वर्मा की टीम द्वारा वांछित अभियुक्तो को पालिटेक्निक चौराहे के पास से पेपर लीक के मास्टरमाइंड सैयद सादिक मूसा व उसके साथी योगेश्वर राव को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वर्ष-2021 में उत्तराखण्ड राज्य में आयोजित SSSC-2021 की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र इन्जीनियरिंग कालेज चौराहे पर स्थित आरएमएस सल्यूशन कम्पनी लखनऊ द्वारा मुद्रित किया जा रहा था। जिसकी जानकारी हम लोगों को कम्पनी में कार्य कर रहे कासान शेख द्वारा मिली। कासान ने यह भी बताया गया कि उपरोक्त परीक्षा 04/05-12-2021 को आयोजित होगी। इस परीक्षा का पेपर मैं आप लोगों को उपलब्ध करा दूॅगा, जिसके एवज में प्रत्येक व्यक्ति 8 लाख रूपये लॅूगा। जिस पर हम लोगों ने यह सौदा तय कर लिया। 5 दिसंबर 2021 को द्वितीय पाली में होने वाली उक्त परीक्षा का पेपर कासान ने 3 दिसंबर 2021 को इंजीनियरिंग चौराहे के पास स्थित गौशाला के सामने हम लोगो को दिया। हम लोगो ने पेपर मिलने की जानकारी शशिकांत सिंह निवासी उत्तराखण्ड व केन्द्रपाल सिंह निवासी धामपुर बिजनौर को दिया तथा केन्द्रपाल सिंह को हल्द्वानी (उत्तराखण्ड) पहुॅचने हेतु भी कहा गया। जिसके बाद हम लोग अपने अपने साधनों से फिरोज व सम्पन्न राव के साथ 4 दिसंबर 2021 को हल्द्वानी पहुॅचे। जहॉ बृजपाल हास्पिटल के पास एक होटल में योगेश्वर राव के नाम से दो कमरे बुक किया गया वही पर हम लोगों की मुलाकात शशिकान्त व केन्द्रपाल सिंह से हुई। जिसके बाद इन दोनों से प्रति अभ्यर्थी रू0 10 लाख लेने की बात तय कर प्रश्नपत्र उनको देकर वापस आ गये। परीक्षा के बाद शशिकांत ने योगेश्वर राव को रू 20 लाख रूपये दिया तथा शेष पैसे बाद में देने का वादा किया था। प्राप्त पैसा योगेश्वर राव द्वारा कासान शेख को दे दिया गया।
अधिकारियों की पूछताछ पर आरोपियों ने यह भी बताया कि परीक्षा सम्पन्न होने के बाद वर्ष-2022 में उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनाव था, जिस कारण आचार संहिता लागू हो गयी थी। चुनाव सम्पन्न होने के बाद परीक्षा का परिणाम जारी हुआ था। परीक्षा परिणाम जारी होने के उपरान्त आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की स्क्रीनिग में लगभग 100 अभ्यर्थी संदिग्ध पाये गये, जिसके आधार पर आयोग द्वारा जांच बैठा दी गयी। जॉच के दौरान अनियमितता पाये जाने पर परीक्षा के सम्बन्ध में थाना रायपुर, देहरादून में अभियोग पंजीकृत हुआ। हम लोगों का नाम प्रकाश में आने की जानकारी हमें सोशल मीडिया के माध्यम से हुई। साथ ही यह भी जानकारी हुई कि हम लोगों के गिरफ्तारी हेतु पुरस्कार घोषित हो गया है, गिरफ्तारी से बचने हेतु हम लोग विभिन्न स्थानों पर छिपकर रह रहे थे। दोनों अभियुक्तों को एसटीएफ उत्तराखण्ड को विधिक कार्यवाही हेतु सुपुर्द कर दिया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा की जायेगी।
यह था मामला
उत्तराखण्ड राज्य में आयोजित SSSC-2021 की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पूर्व ही पेपर लीक कराकर अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया गया, जिससे परीक्षा की शुचिता भंग करते हुए अवैध लाभ प्राप्त किया गया। जिसके सम्बन्ध में थाना रायपुर, जनपद देहरादून में पंजीकृत मु0अ0सं0 289/2022 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि व 3,4,5,9,10 उ0प्र0 सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनो की रोकथाम) अधिनियम-1988 व मु0अ0सं0 362/2022 धारा 2/3 गैगेस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया। पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा उक्त गैंग के सरगना सैयद सादिक मूसा के गिरफ्तारी हेतु रू0 2,00,000/ व इस गैग के सक्रिय सदस्य योगेष्वर राव के गिरफ्तारी हेतु रू0 1,00,000/- का पुरस्कार घोषित किया गया था। उपरोक्त वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ उत्तराखण्ड द्वारा एसटीएफ उ0प्र0 से सहयोग मांगा था।