यूपी एसटीएफ ने तीन कछुआ तस्करों को किया गिरफ्तार, 258 प्रतिबन्धित जिंदा कछुए बरामद
इन्दिरानगर के मुंशीपुलिया के पास से किया गिरफ्तार
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने वन विभाग के साथ मिलकर इन्दिरानगर के मुंशीपुलिया के पास से तीन कछुआ तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियो के पास से प्रतिबन्धित जिंदा 258 कछुआ बरामद हुआ है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेज दिया गया।
पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ टीम को इटावा, मैनपुरी व आस-पास के जनपदों से बड़े स्तर पर विभिन्न प्रजातियों के कछुओ की तस्करी का कार्य करने की जानकारी हुई। यह भी जानकारी हुई कि ऐसे व्यापारी माल बेचने के लिए पश्चिम बंगाल के व्यापारियों के संपर्क में रहते हैं, जहाँ से यह माल बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग, मलेशिया आदि देशो में भेजा जाता है। जिसके बाद उपनिरीक्षक शिवेन्द्र सिंह सेगर के नेतृत्व में एसटीएफ टीम को मुखबिर से पता चला कि जनपद सुलतानपुर के कुछ तस्कर भारी मात्रा में कछुओं की तस्करी हेतु लखनऊ में आने वाले है। इस सूचना पर वन विभाग की टीम के साथ लगभग तीन बजे मेट्रो स्टेशन, मुंशीपुलिया के निकट से तीन तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उनकी पहचान मलिहाबाद निवासी रविन्द्र उर्फ रमन, सुल्तानपुर निवासी अरमान अहमद व काकोरी निवासी सौरभ कश्यप के रूप में हुई। आरोपी रविन्द्र उर्फ रमन ने बताया कि वह पिछले कई वर्षो से कछुओं की खरीद फरोख्त कर रहा है। सुलतानपुर, बाराबंकी, रायबरेली, उन्नाव, बहराईच आदि जनपदों के मछुआरों से संपर्क करके उनसे नदियों एवं तालाबों आदि से कछुओं को पकड़वाता है। फिर उनसे कछुए खरीदकर उन्हें ऊंचे दामों पर भोपाल, इन्दौर, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता जैसे महानगरों इसकी सप्लाई करता है। पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ वन रेन्ज कुकरैल अवध वन प्रभाग में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कायर्वाही की जा रही है।
कछुओं की 11 प्रजातियों का हो रहा अवैध व्यापार
पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह ने बताया कि भारत में कछुओं की 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियाँ उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। इनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है। यह अवैध व्यापार जीवित कछुए के माँस के लिए, पालने के लिए या कछुए की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवा के लिए किया जाता है। कछुओं का Soft Shell (मुलायम कवच) और hard Shell (कठोर कवच) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती घाघरा, गण्डक आदि नदियों व उनकी सहायक नदियों, तालाबों, Wet Lands आदि में यह दोनों प्रकार के कछुए बहुतायत में पाए जाते हैं। इटावा, मैनपुरी व आस-पास के जनपदों से बड़े स्तर पर विभिन्न प्रजातियों के कछुओ की तस्करी हो रही है। यहाँ के तस्कर पश्चिम बंगाल के व्यापारियों के संपर्क में रहते हैं। वह बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग, मलेशिया आदि देशो में इनकी सप्लाई करते हैं।