रक्षाबंधन 22 अगस्त को, शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से शाम 5:31 मिनट तक
रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस शुभ संयोग को अति उत्तम माना गया है
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। भाई- बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन कल यानि रविवार, 22 अगस्त मनाया जाएगा। हिन्दी महीने के अनुसार यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। परम्परानुसार इस तिथि में बहनें व्रत रखकर शुभ मुर्हूत में अपने भाई को राखी बांधती है और टीका लगाती है। भाई बहनों को रक्षा का वचन और उपहार देतें हैं।
जाने शुभ मुहूर्त
अलीगंज स्थित स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य पं. एस. एस. नागपाल ने बताया कि पूर्णिमा तिथि शनिवार , 21 अगस्त को सांयकाल 7 बजे से प्रारम्भ होकर दूसरे दिन रविवार, 22 अगस्त सांयकाल 5:31 मिनट रहेगी। उन्होंने बताया कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इस वर्ष 22 अगस्त को भद्रा प्रातः 6:15 मिनट समाप्त हो जायेगी। अत: सुबह 6: 15 मिनट से लेकर शाम 5:31 मिनट राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है।
इस बार है शुभ संयोग
पंडित जी बताते हैं कि 22 अगस्त को प्रातः 6:15 मिनट के बाद पूरे दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। रक्षाबंधन पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस शुभ संयोग को अति उत्तम माना गया है। माना जाता है कि इस संयोग में रक्षाबंधन भाई और बहन दोनों के लिए शुभकारक और लाभ फलदायी होगा।
पौराणिक आख्यान
वैसे तो रक्षाबंधन के त्योहार के पीछे कई पौराणिक आख्यान है। एक पौराणिक आख्यानों है कि भगवान कृष्ण के एक बार हाथ में चोट लग गई थी, तो द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनके हाथ में बांध दिया था। भगवान श्री कृष्ण द्रौपदी को अपनी बहन मानते थे। तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि समय आने पर इस रक्षा सूत्र का धर्म निभाएंगे। उसी का धर्म को निभाने के लिए श्री कृष्ण ने कौरवों की सभा में द्रोपदी की लाज बचाई थी।