राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी ने सपा और उसके सहयोगी दल सुभासपा में लगाई सेंध, शिवपाल सिंह यादव और ओपी राजभर सीएम योगी के डिनर में पहुंचे
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को एक और बड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और साथ में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच गठबंधन में सेंध लगा दी है। आज शाम को सीएम योगी आदित्यनाथ के डिनर में सपा विधायक और पीएसपी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और सुभासपा अध्यक्ष पहुंचे। जिसे अखिलेश यादव के लिए झटका माना जा रहा है। वहीं इसे बीजेपी के लिए बड़ी जीत कहा जा रहा है। क्योंकि राजभर के कारण ही पूर्वांचल में बीजेपी को विधानसभा चुनाव में कम सीट मिलीं थी।
आज ही बलिया में सुभाष सपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने कहा कि वह सपा से तलाक का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन वह इसे अपनी तरफ से शुरू नहीं करेंगे। दरअसल यूपी में उपचुनाव में हार के बाद और उससे पहले एमएलसी चुनाव और फिर लोकसभा उपचुनाव के बाद गठबंधन में दरार आ गई है। असल में प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर खुलकर हमला बोला और कहा कि अगर वह एसी कमरों से बाहर निकलते तो आज परिणाम कुछ और होता। बैठक से पहले राजभर ने सपा के साथ बढ़ते विवाद की खबरों के बीच बलिया में कहा कि वह अखिलेश यादव से ‘तलाक’ लेने का इंतजार कर रहे हैं और वह सपा के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए कोई पहल नहीं करेंगे।
सीएम योगी ने दिया था डिनर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज बीजेपी के विधायकों और अन्य नेताओं को डिनर पर बुलाया था। इस बैठक में राष्ट्रपति की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू भी मौजूदी थी। वहीं सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव के शामिल होने के बाद ये अखिलेश यादव के लिए सियासी झटका माना जा रहा है। वहीं ओपी राजभर के डिनर में शामिल होने के बाद राज्य में सपा को भी झटका लगा है। हालांकि इसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही थी कि अखिलेश यादव और ओपी राजभर के बीच सियासी गठबंधन खत्म हो सकता है।
अखिलेश यादव ने राजभर को नहीं बुलाया
देखा जाए तो अखिलेश यादव पिछले कई दिनों से सुभासप अध्यक्ष ओपी राजभर की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बुधवार को ही उन्होंने कहा कि पार्टी किसी की सलाह नहीं चाहती और ओपी राजभर की ओर इशारा कर रही है। गुरुवार को राजभर ने एक बार फिर अखिलेश यादव पर निशाना साधा। क्योंकि अखिलेश यादव ने गठबंधन के एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को आमंत्रित नहीं किया था।