राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के साथ मिलकर सीमैप देगा औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा
गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप), लखनऊ तथा राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी), आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।यह समझौता एनएमपीबी द्वारा चुने गए औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों एवं सीएसआईआर-सीमैप द्वारा उच्च गुणवत्तावाली उन्नत किस्मों की पौध सामग्री के विकास और विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में उपयुक्त औषधीय पौधों के गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री के विकास, संवर्धन, संरक्षण और खेती के लिए उनकी नर्सरी की स्थापना में मदद एवं सुविधा प्रदान करेगा। सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ चयनित औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने, कृषि-प्रौद्योगिकी विकास की गुणवत्ता रोपण सामग्री उत्पादन पर भी शोध करेगा।
समझौते के कार्यकाल के दौरान एनएमपीबी अपनी कार्यान्वयन एजेंसियों अर्थात राज्य औषधीय पादप बोर्डों, राज्य बागवानी विभागों व भारत भर के क्षेत्रीय-सह-सुविधा केंद्रों के माध्यम एवं सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ एवं अपने शोध प्रक्षेत्रों के संयोजन और सहयोग से काम करेगा और गुणवत्तापूर्ण औषधीय पौधों की प्रजातियों के विकास से संबंधित परियोजनाओं का समर्थन करेगा।
एनएमपीबी औषधीय पौधों से संबंधित सभी मामलों का समन्वय करने और औषधीय पौधों के व्यापार, निर्यात, संरक्षण और खेती के विकास की नीतियों और कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए अधिकृत है। इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि सीएसआईआर-सीमैप एवं एनएमपीबी दोनों मिलकर औषधीय पौधों के आयात को कम करके किसानों की आय में बढ़ोतरी करने का प्रयास करेगें ।