लखनऊ : तीन घण्टे प्रदर्शन के बाद मडियांव पुलिस ने प्रेमिका व उसकी बुआ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया
दोनों आरोपियों द्वारा आर्थिक व मानसिक शोषण पर युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर की थी खुदकुशी, चार दिन से एफआईआर दर्ज करने में इंस्पेक्टर कर रहे टालमटोल
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। मडियांव पुलिस ने मोहिबुल्लापुर निवासी असीम शुक्ला उर्फ हर्षित की आत्महत्या में कथित प्रेमिका व उसकी बुआ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है। जांच के नाम पर पिछले दो दिन से मुकदमा लिखने में टालमटोल कर रही मडियांव पुलिस के खिलाफ परिवारीजनों व कालोनी के दर्जनों लोगों को थाने पर करीब तीन घण्टे प्रदर्शन करना पड़ा। इंदलगंज, मोहिबुल्लापुर निवासी सन्तोष कुमार शुक्ला ने बताया कि 20 सितम्बर की देर शाम उनका बेटा असीम शंकर शुक्ला उर्फ हर्षित घर से निकला था। लेकिन देर रात तक वापस नहीं आया। जिसपर उन्होंने 21 सितम्बर को मड़ियांव थाना पर गुमशुदगी का प्रार्थना पत्र दिया। 24 सितम्बर को उन्हें जानकीपुरम पुलिस से बेटे द्वारा सुसाइड करने की जानकारी हुई। सन्तोष ने बताया कि बेटे के मोबाइल को चेक करने पर सीतापुर निवासी जान्हवी नामक एक युवती से उसके प्रेम प्रसंग के बारे में पता चला। फोन में बेटे व युवती का व्हाट्सएप चैट व कॉल रिकार्डिंग भी मिली। चैट को देखने व कॉल रिकार्डिंग सुनने से पता चला कि युवती व इंदिरानगर निवासी उसकी बुआ सुषमा मिश्रा दोनों मिलकर बेटे हर्षित का काफी समय से आर्थिक व मानसिक शोषण कर रही थी। सन्तोष ने बताया कि दोनों के खिलाफ 24 सितम्बर को मडियांव थाना में मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी थी।
जांच के नाम पर मडियांव पुलिस मुकदमा दर्ज करने में कर रही थी टालमटोल
मृतक के पिता सन्तोष ने बताया कि तहरीर देने के दूसरे दिन उन्होंने इंस्पेक्टर मडियांव से सम्पर्क किया तो जिसपर इंस्पेक्टर ने जांच के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही। सन्तोष ने कहा कि पहले ही मडियांव थाना व जानकीपुरम थाना कि पुलिस के लापरवाही के कारण उनके बेटे का शव पांच दिन लावारिश मर्च्युरी में पड़ा रहा। फिर जांच के नाम पर पुलिस मुकदमा लिखने में टालमटोल कर रही है।
महिलाओं का आक्रोश देख दर्ज किया मुकदमा
मोहिबुल्लापुर कॉलोनी के निवासियों व मृतक युवक के रिश्तेदारों को जब मडियांव पुलिस के रवैये के पता चला तो उनका भी सब्र जवाब दे गया। अपराह्न करीब 3:15 बजे 60 से 70 महिलाएं व पुरुष मडियांव थाने पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आरोपियो के खिलाफ मुकदमा लिखने को लेकर परिवारीजनों व इंस्पेक्टर में जमकर बहस हुई। आरोप है कि इंस्पेक्टर मडियांव ने एक बार फिर बिना जांच के मुकदमा लिखने से इनकार कर दिया। जिसके बाद वहां मौजूद महिलाएं आक्रोशित हो गई। जिसके बाद मडियांव पुलिस नरम पड़ गई और मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया। शाम करीब 6:30 बजे पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर परिवारीजनों को एफआईआर की कॉपी दे दी।