लखनऊ : फर्जी नंबर और कागजात से फाइनेंस के ट्रकों को बेचने वाले गैंग का एक शातिर दबोचा गया
एसटीएफ व काकोरी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन ट्रक व अन्य सामान बरामद
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। फाइनेंस कंपनी की किस्त डिफाल्ट होने पर ट्रकों को उनके मालिकों से खरीदने के बाद गिरोह उनका चेसिस व इंजन नंबर बदल देता था। फर्जी दस्तावेज तैयार करके इन ट्रकों को बेच दिया जाता था। एसटीएफ ने काकोरी के भवानी खेड़ा में छापा मारकर गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर तीन ट्रक बरामद किए हैं।
पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि भवानी खेड़ा, काकोरी के पास रास्ते मे खड़े ट्रकों के नम्बर प्लेट व इंजन नम्बर कुछ लोगों के द्वारा बदल कर दूसरे लगाए जा रहे हैं। जानकारी की सूचना क्षेत्रीय थाना काकोरी के प्रभारी निरीक्षक को दी गई। जिसके बाद एसटीएफ व काकोरी पुलिस की संयुक्त टीम ने वहां छापा मारा। पुलिस को देख गिरोह के सदस्य भागने लगे। जिसमें एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया।
पकड़े गए आरोपी का नाम सुभाष चन्द्र निवासी भवानी खेड़ा है। जो अपने मालिक अखिलेश सिंह उर्फ अभिषेक उर्फ मनोज के साथ मिलकर काम करता है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि गिरोह से जुड़े लोग विभिन्न शहरों और राज्यों में घूमकर ऐसे ट्रकों के बारे में जानकारी करते थे, जिनकी ऋण की किस्त डिफाल्ट हो चुकी हों। इन ट्रकों को उनके मालिकों से वह कम दामों पर खरीद लेते थे। मालिक ट्रक चोरी होने का मुकदमा दर्ज करा देते थे। इसके बाद इन ट्रकों को भवानीखेड़ा में लाकर उनका इंजन व चेसिस घिसने के बाद नया नंबर डाल देते थे। गिरोह का सदस्य नसीम व बाबू उर्फ मुमताज इंजन नंबर व डैश बोर्ड पर लगने वाली मूल पट्टी को निकाल देता था। उसकी जगह फर्जी नंबर की पट्टी को इंजन व डैश बोर्ड पर लगा देते थे।
एसटीएफ ने आरोपी से तीन ट्रक बरामद किए हैं। उन पर उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के फर्जी नंबर पड़े हैं। इनके अलावा पांच इंजन व चेसिस नंबर की एल्युमिनियम की पट्टी, दो मोबाइल, एक आधार कार्ड, एक एटीएम, एक पेन कार्ड भी बरामद किए हैं। सीओ ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि वह आरटीओ के दलालों के माध्यम से ट्रकों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रपत्र तैयार कराते थे। इन ट्रकों पर गिरोह के लोग फाइनेंस कंपनियों से ऋण करा लेते थे।