जब से तेरा साथ मिला नव जीवन का आयाम खुला
खुद को खोज लिया
जब से तेरा साथ मिला नव जीवन का आयाम खुला
चांदनी यूं पिघली शब भर
तब चांद का छलका जाम मिला
चंपा, जूही, बेला हंसकर
महक रहीं ज्यों मदिरा चखकर
बहक रहा ये मन का मधुकर
इक प्यासे को आराम मिला
प्रेम की महकी बगिया में
तारों की झिलमिल दरिया में
डूबी नैनो की कश्ती में
तो राधा को बस श्याम मिला
खुद को खोज लिया जब हमने,
पथरीली राहों पर चलकर,
टूट गई तब सब जंजीरें,
जीवन का उत्थान मिला।।
नीरू नीर
नीरू चतुर्वेदी
निवृत शिक्षिका। इंग्लिश
कंद्रीय विद्यालय संगठन
आकाशवाणी लखनऊ से असंख्य कहानियों, लेखों, नाटक , रेखाचित्रों का प्रसारण
लेखिका एवम समाज सेविका