वापस नहीं ली जाएगी अग्निपथ स्कीम, सेना ने कहा- सैनिकों और अग्निवीरों में कोई अंतर नहीं, प्रदर्शन करने वालों को भी सख्त संदेश
क्राइम रिव्यू
नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का विरोध के बीच लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन में भारतीय सेना की नींव है। आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं। प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे। पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है। आज सेना की ओर से एक संवाददाता सम्मेलन किया गया। इस सम्मेलन में अग्निवीरों को लेकर उठ रहे सवालों का सारा जवाब सेना की ओर से देने की कोशिश की गई है। आपको बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत बहाल होने वाले जवानों को अग्निवीर की उपाधि दी गई है। सेना की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि हम सेना में युवाओं को ज्यादा शामिल करना चाहते हैं ताकि सेना की औसत उम्र 32 साल से कम होकर 26 साल की जा सके। सेना की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। अनिल पुरी फिलहाल डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स में एडिशनल सेक्रेटरी हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि इस योजना पर 1989 से विचार चल रहा था। उन्होंने यह भी साफ कह दिया है कि योजना वापस नहीं ली जाएगी।
सेना की ओर से कहा गया है कि इसे लागू करने के लिए पहले कई देशों में सेना की नियुक्तियों और वहां के एग्जिट प्लान का भी अध्ययन किया गया है। साथ ही साथ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निवीरों के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव से इनकार किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अग्निवीरों को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में भी वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वही अग्निवीर पहनेंगे, हम जिस लंगर में खाना खाते हैं वहीं अग्निवीर भी खाएंगे। जहां हमारे सेना के जवान रहते हैं, वही अग्निवीर भी रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सेना में जोश और होश के बीच तालमेल चाहते हैं। अग्निवीरों को सभी सुविधाएं जवानों की ही तरह मिलेंगे यह योजना युवाओं के लिए फायदेमंद है। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अनुशासन में भारतीय सेना की नींव है। आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं। प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे। पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है। हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। सभी उम्मीदवारों को लिखित शपथ देनी होगी कि वे किसी भी आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं हैं। और यदि उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे शामिल नहीं हो सकते…उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा।
दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 ‘अग्निवर’ का पहला बैच मिलेगा
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक, हमें 25,000 ‘अग्निवर’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे यह 40,000 हो जाएगा। एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि 24 जून से अग्निवीर बैच नंबर 1 पंजीकरण प्रक्रिया और 24 जुलाई से चरण 1 ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया शुरू होगी। पहला बैच दिसंबर तक नामांकित होगा और प्रशिक्षण 30 दिसंबर तक शुरू होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ युवावस्था और अनुभव लाना चाहते हैं। आज बड़ी संख्या में जवान अपने 30 के दशक में हैं और अधिकारियों को पहले की तुलना में बहुत बाद में कमान मिल रही है। नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि नौसेना में हम महिला अग्निवीर भी ले रहे हैं। उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है। हमें 21 नवंबर का इंतजार है, मुझे आशा है कि महिला और पुरुष अग्निवीर आईएनएस चिल्का पर रिपोर्ट करेंगे।