सुलभ आवासों का होगा सर्वे, अवैध कब्जेदारों पर होगी एफआईआर
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जारी किये आदेश, निरीक्षण के लिए गठित की 20 अधिकारियों की टीम
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने सुलभ आवासों की जांच कराकर वहां अवैध रूप से कब्जा करके रह रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायेगा। सुलभ आवासों में अवैध कब्जे और गतिविधियों की शिकायत पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कड़ा रुख अपनाते हुए इस बाबत आदेश जारी किये हैं। उन्होंने सुलभ आवासों के निरीक्षण के लिए 20 अधिकारियों की टीम गठित की है। उपाध्यक्ष ने कहा है कि अगर ऐसे प्रकरणों में किसी कर्मचारी की संलिप्तता उजागर होती है तो सम्बंधित के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के साथ ही एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।
उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा बहुमंजिला आवासीय योजनाओं में रहने वाले आवंटियों की शिकायतों के समाधान के लिए रविवार को समस्त आर0डब्ल्यू0ए के साथ बैठक की गयी थी। इसमें सुलभ आवास योजना के आर0डब्ल्यू0ए द्वारा कालोनी के भवनों में अवैध कब्जों की शिकायत की गयी थी। पदाधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया था कि कालोनी में अवैध अध्यासियों के चलते वहां अराजक गतिविधियां होती हैं। उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही के लिए योजना तैयार की और अगले ही दिन आदेश भी जारी कर दिये। इसके अनुसार उपाध्यक्ष ने 20 अधिकारियों की टीम गठित की है, जो अलग-अलग योजनाओं में बने सुलभ आवासों का स्थलीय निरीक्षण करेगी। टीम द्वारा सुलभ आवासों का सर्वे करके यह देखा जाएगा कि किन-किन फ्लैटों में अनाधिकृत लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा करके निवास किया जा रहा है। इसके लिए 7 जुलाई से अभियान चलाया जाएगा और प्रत्येक दिन 150 आवासों के निरीक्षण व सत्यापन का कार्य किया जाएगा। इसके बाद एलडीए द्वारा अवैध कब्जेदारों व उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।
सामान जब्त करके की जाएगी वसूली
उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि जिन भवनों में अवैध अध्यासी रह रहे हैं, उन्हें पुलिस के सहयोग से खाली करवाया जाएगा। इस क्रम में अवैध कब्जेदारों का सामान जब्त करते हुए भवन को सील किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करवायी जाएगी। उपाध्यक्ष ने बताया कि अवैध कब्जेदारों द्वारा जितने समय तक सुलभ आवास में निवास किया गया, उसकी वसूली जुर्माने के रूप में की जाएगी।
संलिप्त कर्मचारी व सहयोगियों पर भी एफआईआर
उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने आदेश में कहा है कि अगर इस प्रकरण में प्राधिकरण के किसी कर्मचारी की संलिप्तता उजागर होती है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इस क्रम में सम्बंधित कर्मचारी व उसके सहयोगियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।
रेंट की सम्पत्तियों का भी होगा सर्वे
उपाध्यक्ष ने बताया कि अधिकारियों की इस टीम द्वारा रेंट की सम्पत्तियों का भी निरीक्षण किया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि स्थल पर वास्तविक किरायेदार ही रह रहा है या नहीं। उन्होंने बताया कि रेंट की जिन सम्पत्तियों को वास्तविक किरायेदारों द्वारा अन्य को सबलेट किया गया है, उनकी सूची बनाकर सम्पत्तियों को खाली कराकर कब्जे में लेने का काम किया जाएगा। रेंट की प्राॅपर्टी के निरीक्षण व सत्यापन का अभियान 10 जुलाई से चलाया जाएगा।