सांस्कृतिक विरासत को सहेजना जरुरी

तीन दिवसीय लोक विमर्श का समापन , इन्द्रा श्रीवास्तव, अंजू भारती, हरनाम सिंह, ललित शौर्य हुए सम्मानित

क्राइम रिव्यू

लखनऊ। संस्कारों से विमुख हुए तो समाज को पतन से नहीं बचाया जा सकता। संस्कारों ने ही भारतीय समाज को एकात्मक स्वरूप प्रदान किया है। यहां जन्म से मृत्यु तक की यात्रा को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। संयोग-वियोग, हर्ष-विषाद, सुख-दुख को मिल बांट लेना भारतीय संस्कृति की अनुपम विरासत है जिसे सहेज कर रखना हम सभी का पुनीत कर्तव्य है। ये बातें लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय लोक विमर्श के अन्तिम दिन गुरुवार को संस्कारों पर चर्चा के दौरान वक्ताओं ने कहीं। बौद्ध संस्थान परिसर में चल रहे आयोजन के दौरान चित्रकला एवं रंगोली प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ सोहर गीत से हुआ। इसके बाद एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक गीतों की प्रस्तुति हुई। संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव के निर्देशन में विवाह संस्कार के विभिन्न रस्मों के गीतों की सामूहिक प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही। शुभारंभ देवी गीत नइया परी बा मझधारे भवानी से हुआ। इसके बाद लगन गीत लागी बियाह केरी लगन, तिलक गीत बन्ने राजा के साज सजे हैं, जयमाल गीत करो समर्पित प्रिय को माला पहिनाओ जयमाला, विवाह गीत अवधपुरी से ब्याहन आये, बीहड़ गारी भात जेवन को आये हमार समधी, मीठी गारी हमरे समधी बड़े सुकुंवार, जेवनार गीत निहुरे निहुरे परसैं जनक जी, विदाई गीत, छुटा मोरा बाबुल के गांव मोरी बिटिया, परिछन गीत सीता के नैन रसीले हो, पारम्परिक नकटा गीत बलम नास पीटे सखि हमका सतावे तथा हमरे बलम मोटर गाड़ी चलावैं की मनोहारी प्रस्तुति हुई। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के गीत नाटक प्रभाग की ओर से लोकांजलि द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति हुई। लोक गायिका अंजलि खन्ना व साथी कलाकारों ने अरे मिथिला मगन भई आज सिया को जनम भयो, मोरी गोरी गोरी बईयां मरोड़ी सुनाया। कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. विद्या विन्दु सिंह, पद्मा गिडवानी, विमल पंत आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इनका हुआ सम्मान :

वर्ष 2022 के वार्षिक पुरस्कारों के क्रम में वरिष्ठ लोक गायिका इन्द्रा श्रीवास्तव को पद्मश्री योगेश प्रवीन स्मृति लोक संस्कृति अनुरागी सम्मान, डा. अंजू भारती को आरती पांडेय स्मृति लोक संगीत साधक सम्मान, डॉ. हरनाम सिंह को सीताराम तिवारी स्मृति लोक संस्कृति अनुरागी सम्मान, भावना शुक्ला को शोभा देवी स्मृति लोक संस्कृति अनुरागी सम्मान, इंजीनियर ललित शौर्य को जे.पी. लम्बोदर स्मृति युवा साहित्यकार सम्मान प्रदान किया गया।

विजेताओं को मिला पुरस्कार :

कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को नीलाक्षी लोक कला कल्याण समिति के सहयोग से हुई श्यामा देवी रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। ऐच्छिक विषय पर शिशु वर्ग की चित्रकला प्रतियोगिता में आर्यमा शुक्ला को प्रथम, आम्या सिंह को द्वितीय, आर्या सिंह को तृतीय तथा अविका, अवियुक्ता और ओजस्वी को सांत्वना पुरस्कार मिला। किशोर वर्ग में निधि पाठक प्रथम, प्रतिष्ठा सिंह द्वितीय, मिहिका गांगुली व उत्कर्ष सिंह संयुक्त रूप से तृतीय तथा अलशिफा को सांत्वना पुरस्कार मिला। युवा वर्ग में सांस्कृतिक विरासत विषय पर हुई प्रतियोगिता में ऋषिजा यादव को प्रथम, शुभम कुशवाहा व आयुषी त्रिपाठी संयुक्त रूप से द्वितीय, मारिया खातून व प्रीति मौर्य को संयुक्त रूप से तृतीय, आयुषी श्रीवास्तव को विशिष्ट तथा दस प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार मिला। इसी प्रकार रंगोली प्रतियोगिता के रोमांचक मुकाबले में निर्णायकों ने आम सहमति से घोषित शुभम कुशवाहा और वैष्णवी गुप्ता को प्रथम, ऋषिजा यादव व आरती कुशवाहा द्वितीय, माधुरी और देवा शुक्ला को तृतीय तथा शिवानी, नेहा कनौजिया, अविका निगम को सांत्वना पुरस्कार मिला। विजेताओं को गोल्ड, सिल्वर, ब्राउन मेडल तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।

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