श्रीमद भागवत कथा में राम-सीता विवाह सुन भाव विभोर हुए भक्त
माल क्षेत्र के ग्राम हन्नीखेड़ा में चल रही है श्रीमद भागवत कथा
क्राइम रिव्यू
लखनऊ । माल क्षेत्र के ग्राम हन्नीखेड़ा में चल
रहा संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में रविवार को श्रीराम और सीता विवाह का प्रसंग सुनाया गया। कथा सन दस्तावेज रामभक्ति में लीन जुमते नजर आए। कथा वाचक पंडित सुरेश अवस्थी ने बताया कि जब भगवान राम ने महाराज जनक की प्रतिज्ञा के अनुसार भगवान शिव के धनेश्वर को तोड़ दिया तब सितार ने राम के गले में वरमाला डाल दिया। राजा जनक ने अयोध्या के राजा दशरथ को बरात लेकर आने का निमंत्रण बिजवाया। तब राजा दशरथ बारात लेकर जनक पुरी आए, जहां पर राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों पुत्रों का विवाह संपन्न हुआ। उन्होंने विस्तृत प्रसंग के बारे में बारात सुनी।
इससे पहले धनुषभंग के दौरान उन्होंने परशुराम और लक्ष्मण संवाद को बहुत ही रोचक साहित्य से चित्रों के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जब राम शिव का धनेश्वर देते हैं तो इसकी सूचना परशुराम को मिलती है और वे क्रोधित होते हुए जनक की सभा में आ धमकते हैं। वहां जब वे राम को बुरा कहने लगते हैं तब लक्ष्मण नहीं जाते और फिर वे परशुराम का मजाक उड़ाते हुए उन्हें काटु वचन में शिक्षा देने वाले होते हैं। इस संवाद में शील, क्रोध, संयम और वीरता का खाता होता है। बाद में श्रीराम लक्ष्मण का क्रोध शांत करते हैं।