कैद से नहीं छूट पायेगे इमरान खान, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को ठहराया वैध
क्राइम रिव्यू: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अभी शायद ही कैद से छूट पाएं. इमरान के खिलाफ उनके अपने ही मुल्क में 108 केसेस चल रहे हैं. पाकिस्तानी पुलिस ने उन्हें मंगलवार, 9 मई की शाम को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के आदेश पर अल कादिर ट्रस्ट घोटाले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था. उसके एक दिन बाद इमरान को एक और मामले में दोषी ठहरा दिया गया. अब उन्हें तोशाखाना मामले में भी सजा सुनाई जा सकती है. वहीं, इमरान की गिरफ्तारी पर पूरे पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है. जगह-जगह हिंसा आगजनी हो रही है. हालात संभालने के लिए सेना तैनात करनी पड़ी है.
पाकिस्तान की नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के अधिकारियों के मुताबिक, इमरान खान की बीते रोज एक स्पेशल कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उन्हें 8 दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है. इमरान के वकील की ओर से दायर बेल की अर्जी को खारिज कर दिया गया है. इसका मतलब है- इमरान बाहर नहीं आ पाएंगे. इमरान के समर्थकों का आरोप है कि उनके नेता की जबरन गिरफ्तारी की गई, जबकि वो बेल मांगने हाईकोर्ट पहुंचे थे. इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध बताया है. हालांकि, हाईकोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को वैध ठहराया है. उनकी गिरफ्तारी पर अब पाकिस्तानी का भी बयान आया है.
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पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के बयान और कानून का हवाला देते हुए इमरान की गिरफ्तारी को सही ठहराया. ISPR ने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने सेना विरोधी नारे लगाए लगाए, सेना की संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए. हम उन लोगों को नहीं बख्शेंगे जिनके द्वारा फौज को गद्दार बताया जा रहा है. पाक सेना की ओर से कहा गया कि हमने गुनहगारों की पहचान कर ली है. अब उन्हें माकूल जवाब दिया जाएगा.
पाकिस्तान हिंसा में 15 लोगों की मौत
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, अब पाकिस्तान के हर शहर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इमरान की गिरफ्तारी के बाद राजधानी इस्लामाबाद में कई जगह तोड़फोड़ की गई. बताया जा रहा है कि इमरान समर्थकों की सुरक्षा बलों से हिंसक झड़पों में 15 लोगों की मौत हो चुकी है. सेना के कई जवान घायल हैं, उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है