तेज धूप और लू से हर दिन बढ़ रही मरीजों की संख्या, अस्पतालों में लगाए गए कूलर-AC

क्राइम रिव्यू: तेज धूप और लू ने जनपद वासियों को झुलसा दिया है. चिलचिलाती गर्मी से जहां लोगों के गले सूखने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर तापमान प्रतिदिन 44 से 45 डिग्री तक पहुंचने के बाद से लोगों की तबीयत बिगड़ती जा रही है. बता दें कि लू की वजह से इन दिनों लोगों की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है जिसके चलते लोग इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं जहां इन दिनों मरीजों की वजह से अस्पताल के सभी बड़े फुल हो चुके हैं. जिसके बाद इमरजेंसी में मरीजों को जमीन पर सुलाकर उनका इलाज भी करना पड़ रहा है. जी हां हम बात कर रहे हैं यूपी के जनपद गाजीपुर की जहां हमारे संवाददाता बेड की बजाय जमीन पर लेटे हुए 2 मरीजों से मिले..जिसमें से एक तो बेहोशी की हालत में था तो दूसरे का इलाज वहां के स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से किया जा रहा था.

राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाद जब पत्रकार साथी जिला अस्पताल के अन्य बार्ड में पहुंचे तो वहां भी सभी बेड मरीजों से भरे हुए थे. जानकारी करने के बाद पता चला कि भीषण गर्मी की वजह से हर रोज 30 से 40 मरीज आ रहे हैं जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. राहत की बात यह है कि जिला अस्पताल में पिछले 1 सप्ताह के अंदर हिट वेब के असर से किसी की मौत की सूचना नहीं है. हालाकी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह ने बताया कि हिट वेब को देखते हुए राजकीय मेडिकल कॉलज प्रशासन की तरफ से सभी वार्ड में कूलर की व्यवस्था कर दी गई है. और क्रिटिकल मरीजों के लिए एसी की भी व्यवस्था की गई है.

इन दिनों तापमान 44 डिग्री पार कर चुका है जिसकी वजह से गर्मी अपने चरम पर पहुंच चुकी है. आपको बता दें कि 1 दिन पहले गाजीपुर के पुलिस ऑफिस में तैनात हेड कांस्टेबल की अचानक मौत हो गई. जिसकी मौत की वजह पुलिस विभाग की ओर से पहले से कोई पुरानी बीमारी बताई जा रही है. लेकिन कहीं ना कहीं बढ़ता हुआ टेंपरेचर और इलाज के प्रति लापरवाही बरतना भी मुख्य कारण बताया जा रहा है.

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हेड कांस्टेबल की मौत के बाद, सारी कवायद करने के पश्चात उनको पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जिसके बाद शव को सम्मान के साथ परिजनों को सौंपा दिया गया. पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि हेड कांस्टेबल सुरेश चंद्र उपाध्याय कई रोगों से पीड़ित थे और वह अपने इलाज के प्रति लापरवाही भी बरतते थे हालांकि उन्होंने उनकी मौत के पीछे बीमारी का कारण बताया लेकिन दबी जुबान में उन्होंने बढ़ते हुए टेंपरेचर को भी स्वीकार किया.

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