बसपा सुप्रीमों मायावती को राजनीतिक मंच पर फिर भेंट किया गया सोने का मुकुट, पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी ने दी सौगात
क्राइम रिव्यू:- मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट की जंग सेलिब्रेटी प्रत्याशी टीवी सीरियल रामायण के राम की वजह से तो चर्चा में है ही. एक अऩ्य नाम की वजह से भी चर्चा में है. ये नाम है हाजी याकूब कुरैशी का. हाजी याकूब कुरैशी इन चुनावों में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के बसपा उम्मीदवार देवव्रत त्यागी के लिए पूरी ताक़त के साथ प्रचार कर रहे हैं. अर्से बाद हाजी याकूब कुरैशी बसपा सुप्रीमों मायावती के साथ मंच पर एक साथ नज़र आए. दरअसल मायावती चुनावी जनसभा को संबोधित करने मेरठ के हापुड़ रोड पहुंची। जहां बसपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी ने अपने बेटे के साथ उन्हें सोने का मुकुट भेंट किया। मायावती ने सहर्ष से इस भेंट को स्वीकार किया. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मायावती की मेरठ में ये पहली रैली थी।
मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की जातिवादी, सांप्रदायिक एवं पूंजीवादी सोच और नीतियों के कारण देश के गरीब, आदिवासी, दलित और मुस्लिमों को विकास नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कृषि नीतियां सही न होने के कारण किसान भी आंदोलित है। गलत आर्थिक नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है छोटा व्यापारी वर्ग भी काफी परेशान है। देश की सीमाएं भी सुरक्षित नहीं है। बसपा नेता हाजी याक़ूब कुरैशी बार-बार खांसते हुए कहा कि सपा के ज़माने में दलितों-पिछड़ों को दबाया गया और कुचला गया. शेरो शायरी से वो अपने दिल का हाल बयां करते नज़र आए. कहा कि जो मेरे साथ ज़ुल्म हुआ है, उसका बदला आप इनसे लेंगे.
यूपी के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी 2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीति के हाशिए पर रहे. 2022 में ऐसा पहला मौका था जब हाजी याकूब कुरैशी न तो ख़ुद चुनाव लड़े न ही अपने बेटे को चुनाव लड़वाया और न ही पार्टी प्रत्याशी के प्रचार के लिए ही उतरे थे. अब एक बार फिर हाजी याकूब कुरैशी की दस्तक 2024 के लोकसभा चुनाव में हुई है. बीते महीनों में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी. न सिर्फ वो बल्कि उनके दोनों बेटों को भी जेल की हवा खानी पड़ी थी. बता दें कि याकूब उनके बेटे फिरोज़ और इमरान पत्नी समेत 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. देखने वाली बात होगी कि हाजी याकूब कुरैशी की लोकसभा चुनाव में दस्तक अब क्या गुल खिलाती है.