उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालय अकादामिक सोसाइटी के अध्यक्ष बने शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा प्रो अमित भारद्वाज
उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालय अकादामिक सोसाइटी के 25 वें अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का मनोनयन
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालय अकादामिक सोसाइटी का 25 वां दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन शनिवार को सम्पन्न हो गया। अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का भी मनोनयन किया गया। शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा प्रो अमित भारद्वाज अध्यक्ष चुना गया। वही नेताजी सुभाषचंद्र बोस महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो अनुराधा तिवारी समेत चार उपाध्यक्ष मनोनीत किये गए।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज में आयोजित अधिवेशन के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सहायक शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा प्रोफेसर बीएल शर्मा ने सभी शिक्षकों का आह्वान करते हुये राष्ट्र निर्माण में उनकी प्रमुख भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण करने के लिए सरकार और शासन प्रतिबद्ध है। इसके पूर्व महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो अनुराधा तिवारी ने कहा कि सभी शिक्षक मन प्राण से सोसाइटी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लग जाएँ।
दो दिवसीय अधिवेशन में कई प्रस्ताव पारित हुए तथा नई कार्यकारिणी का भी मनोनयन किया गया। सबसे पहले कार्यकारिणी के संरक्षक मण्डल में सेवानिवृत्ति प्रो यूके सिंह, प्रो सत्येंद्र सिंह तथा प्रो सुस्मिता चंद्रा का चयन हुआ। वही शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा प्रोफेसर अमित भारद्वाज अध्यक्ष के अलावा चार उपाध्यक्ष पदों पर क्रमशः संयुक्त सचिव प्रो ब्रह्मदेव, संयुक्त निदेशक प्रो सुनंदा चतुर्वेदी, प्रो केसी वर्मा तथा प्राचार्य प्रो अनुराधा तिवारी को मनोनीत किया गया। साथ ही सचिव/ कोषाध्यक्ष पद पर प्रो बीएल शर्मा तथा संयुक्त सचिवों के पद पर डॉ जय प्रकाश वर्मा, डॉ उपदेश वर्मा, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ नितिन बाजपेई तथा डॉ प्रह्लाद सिंह का मनोनयन हुआ। अधिवेशन में यह भी प्रस्तावित हुआ कि सोसाइटी प्रतिवर्ष एक पत्रिका ‘किंजल्किनी ‘के नाम से तथा एक त्रैमासिक शोध पत्रिका का प्रकाशन ‘प्रमा ‘के नाम से करेगी। जिसमें उच्च स्तरीय शोध पत्र प्रकाशित होंगे। संगोष्ठी की संयोजक प्रो शिवानी श्रीवास्तव, आयोजन सचिव डॉ विनीता लाल, डॉ पूनम वर्मा, डॉ क्रांति सिंह, डॉ संजय बरनवाल सहित सभी शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो शरद वैश्य ने किया।