तीन साल बीत जाने के बाद भी पुलिस लापता जवान को खोजने में रही असफल, पूरा परिवार दर-दर भटकने को मजबूर
क्राइम रिव्यू: लोगों की मदद करने को लेकर बड़े -बड़े दावे करने वाली यूपी पुलिस अपने ही लापता जवान को खोजने में असफल दिखा दें रही है। दरअसल, 2006 में नियुक्त सिपाही शैलेंद्र यादव संदिग्ध परिस्थितियों में 03 अगस्त को 2021 से लापता हो गए थे। पीड़ित सिपाही के परिजनों ने गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी पुलिस लापता जवान को खोज नहीं पाई। पीड़ित पत्नी और परिजनों ने पुलिस अधिकारियों, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इसकी गुहार लगा चुका। फिर भी लापता सिपाही को उत्तर प्रदेश पुलिस आज तक पता नहीं लगा पाई है, जिससे पूरा परिवार दर-दर भटकने को मजबूर है।
पीड़ित परिजनों को आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने लापता जवान को खोजने में कोई भी रुचि नहीं दिखाई। जिस वजह से तीन साल बीत जाने के बाद सिपाही का कही भी कुछ सुराग नहीं मिला सकता। बता दें कि लापता जवान झांसी जिले के ग्राम रेवन थाना टोड़ी फतेहपुर का स्थाई निवासी है। परिजनों की मानें तो सिपाही राजधानी लखनऊ के दुर्गापुर जीआरपी लाइन से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए। तीन साल बीत जाने के बाद भी पुलिस कुछ जवान के बारे में पता नहीं लगा पाई है। वहीं पुलिस के इस कार्य शैली से उत्तर प्रदेश पुलिस पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। लोगों का आरोप है कि जब उत्तर प्रदेश पुलिस अपने ही जवान को खोजने में असफल रही तो आम नागरिक को कैसे सुरक्षा देगी। हालांकि अभी इस मामले पर पुलिस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।