तीन दिवसीय लोक विमर्श का शुभारंभ
पुरखों की धरोहर है लोक कथाएं : दयाशंकर सिंह
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। तीन दिवसीय लोक विमर्श का पहला दिन लोक कथाओं के नाम रहा। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा बौद्ध संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महापौर संयुक्ता भाटिया, पद्मश्री डॉ. विद्या विन्दु सिंह व अन्य गणमान्य अतिथियों ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने संस्थान द्वारा घोषित वर्ष 2022 के सम्मान वितरित किए और लोक कथाओं को पुरखों की धरोहर बताया।
आयोजन का शुभारंभ हर हर शम्भू, हनुमान चालीसा के सस्वर गायन से हुआ। संगीत भवन एकेडमी की ओर से अंतरा भट्टाचार्य के निर्देशन में नन्हे मुन्ने बच्चों की प्रस्तुतियां खूब सराही गयीं। संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने संस्था द्वारा हर माह विद्यालयों में आयोजित किये जाने वाले दादी नानी की कहानी के बारे में बताया। पद्मश्री विद्या विन्दु सिंह ने लोक कथाओं की प्रासंगिकता पर व्याख्यान दिया। द इंडियन फोकटेलर्स की ओर से स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने कहानी सुनाई। विद्यानृत्यम फाउंडेशन की ओर से विद्याभूषण सोनी के निर्देशन में श्रीराम वन्दना और लोक नृत्यों की प्रस्तुति हुई।आयोजन में वरिष्ठ समाजसेवी श्री देवी प्रसाद गुप्ता को सत्यनारायण शुक्ल स्मृति लोक सेवा सम्मान, वरिष्ठ लोक गायिका ऋचा जोशी को रमावती देवी स्मृति लोक संगीत सम्मान, श्रीमती हेमलता त्रिपाठी को सुशीला बोरा स्मृति लोक संस्कृति अनुरागी सम्मान तथा लोक गायिका वन्दना शुक्ला को प्रो.कमला श्रीवास्तव लोक संगीत ध्वजवाहक सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के गीत नाटक प्रभाग की ओर से मैजिकमैन आफताब ने बंगाल का काला जादू दिखाया। वहीं मध्याह्न में नीलाक्षी लोक कला कल्याण समिति की ओर से हुई श्यामा देवी चित्रकला एवं रंगोली प्रतियोगिता में सैकड़ों बच्चों ने निर्धारित विषय पर चित्र बनाये, रंगोली सजाई तथा चौक पूरने की पारम्परिक रीति से भूअलंकरण किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजसेवी सत्यप्रकाश गुलहरे, इंजी. अरविन्द शुक्ला, कैप्टन प्रखर गुप्ता, डा. अजय गुप्ता, डॉ. अनिल गुप्ता, सतीश वर्मा, दीपू रावत, विनय गुप्ता, मुनालश्री विक्रम बिष्ट, संस्थान के पदाधिकारी होमेन्द्र मिश्र, जादूगर सुरेश कुमार, राजनारायण वर्मा, नीलम वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।