नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज में ‘इनोवेशन इन्टरप्यूनेरशिप एण्ड स्टार्ट-अपः चलैन्जेस एण्ड आपर्चुनिटी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि इनोवेशन व स्टार्ट-अप भारत का भविष्य है

क्राइम रिव्यू
 
लखनऊ। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज में बुधवार को ‘इनोवेशन इन्टरप्यूनेरशिप एण्ड स्टार्ट-अपः चलैन्जेस एण्ड आपर्चुनिटी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की कैरियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सेल ने इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र,लखनऊ व खादी व ग्रामीण उद्योग आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं में कैरियर के प्रति जागरूक व इग्नू के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों से परिचित कराना था।
कार्यशाला में इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह ने नवाचार उद्यमिता और स्टार्ट-अप की महत्ता को रेखांकित किया। साइंस एण्ड टेक्नालॉजी काउन्सिल, विज्ञान एवं तकनीकि विभाग के इनोवेशन आफीसर संदीप द्विवेदी ने नवाचार को आधुनिक समय की प्रमुख आवश्यकता बताया और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बनायी गयी नीतियों को स्पष्ट किया। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, लखनऊ के निदेशक नीरज कुमार ने नवाचार व उद्यमिता को आधुनिक समय के अत्यंत नीति निर्धारित तत्व के रूप में प्रदर्शित किया। अवध प्रांत, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, लखनऊ के संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए राष्ट्र के उत्थान में नवाचार व स्टार्ट-अप की भूमिका को परिलक्षित किया। खादी व ग्रामीण उद्यमिता आयोग के राज्य निदेशक नितीश धवन ने स्टार्ट-अप के ऐतिहासिक भूमिका को बताया और उद्यमिता के लिए आवश्यक तत्वों को चिन्हित किया। महाविद्यालय की प्राचार्य, प्रो. अनुराधा तिवारी ने नवाचार एवं स्टार्ट-अप के लिए शिक्षा जगत को आगे आकर अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार रहने के लिए आह्वान किया। महाविद्यालय के इग्नू कोआर्डिनेटर डॉ. जय प्रकाश वर्मा ने अतिथियों, वक्ताओं व प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय केन्द्र इग्नू, लखनऊ ने विषय का निरूपण करते हुए मंच का कुशल संचालन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक, प्रो. शरद वैश्य, डॉ राजीव यादव, डॉ क्रान्ति सिंह, डॉ. श्वेता भारद्वाज, डॉ. रश्मि अग्रवाल, डॉ सविता सिंह, डॉ रोशनी सिंह, डॉ विशाल प्रताप सिंह, ले. प्रतिमा शर्मा, डॉ मीनाक्षी शुक्ला के साथ सभी कर्मचारी एवं लगभग 250 छात्राएं उपस्थित रहीं।

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