राम कथा सुनने से जीवन में आता है परिर्वतन : आचार्य शिवम शुक्ला
अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के तत्वावधान में मानस सिटी इंदिरा नगर आयोजित 11 दिवसीय श्रीराम कथा एवं पर्यावरण सुरक्षा यज्ञ
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के तत्वावधान में मानस सिटी इंदिरा नगर आयोजित 11 दिवसीय श्रीराम कथा एवं पर्यावरण सुरक्षा यज्ञ के छठे दिवस पर कथा व्यास आचार्य शिवम शुक्ला जी महाराज ने भगवान के पावन विवाह की पावन कथा का बखान किया। कथा का वर्णन करते हुए आचार्य शिवम शुक्ला जी ने बताया की भक्ति के बिना भगवान भी अधूरे रहते हैं। अहंकार भगवान का भोजन होता है। जीवन में किसी भी प्रकार का मद पाल के नहीं बैठना चाहिए। जीवन में अभिमान किसी बात का नहीं होना चाहिए। पर व्यक्ति के लिए स्वाभिमान की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को स्वाभिमानी होना चाहिए। हर समय हरी नाम सुमिरन करो यही जीवन की नैया को पार कर सकते हैं। भगवान राम के जीवन से हमको सदाचार एवं आचरण की शिक्षा प्राप्त होती है। हमें अपने जीवन में क्या करना चाहिए। जीवन के जितने प्रश्न हैं, उन सभी प्रश्नों का उत्तर रामचरितमानस है। श्रीराम कथा का व्याख्यान करते हुए पूज्य महाराज श्री ने बताया कि जो व्यक्ति प्रथम दिवस कथा में आता है तो कथा के समापन दिवस तक उसके सभी प्रश्नों के उत्तर कथा से ही प्राप्त हो जाती है। राम कथा का श्रवण करें और हर क्षण प्रभु की भक्ति करें। भगवान का भजन करें। भगवान राम जीव मात्र के कल्याण के लिए अपने आचरण का जो समन्वय प्रस्तुत करते हैं, उसे अपने जीवन में धारण करें। राम कथा सुनने मात्र से कुछ नहीं होने वाला है। रामकथा सुने ही ना अभी तो उसको अपने गले में धारण करें। राम कथा सुनते सुनते आपके जीवन में एक परिवर्तन का आना तय है। वह यह है कि आपका भी आचरण राम जी के आचरण के अनुसार होना प्रारंभ हो जाएगा। पंडित निर्मल शास्त्री राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय श्री राम नाम जागरण मंच के संयोजन ने बताया कि कथा में भगवान का विवाह उत्सव बहुत धूमधाम के साथ मनाया गया। गाजे-बाजे के साथ भगवान की झांकी और बारात भी निकली। जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजनों ने आनंद लिया।