सत्येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए लगाई गुहार, कहा जेल में 35 किलो वजन घट कर कंकाल रह गए हैं।
क्राइम रिव्यू: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा है। सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के केस में बीते कई महीने से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की बेंच ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए जैन को यह स्वतंत्रता दी है कि वह अदालत की वैकेशन बेंच में राहत के लिए अपील कर सकते हैं। सत्येंद्र जैन की तरह से जिरह करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने दलील दी कि पूर्व मंत्री का जेल में रहने के दौरान 35 किलो वजन घट गया है और वह कंकाल बनकर रह गए हैं। वह कई बीमारियों से भी ग्रस्त हैं।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू जो ईडी की ओर से पक्ष रख रहे थे, ने कहा कि हम याचिका का विरोध करते हैं। इस पर अदालत ने अगली सुनवाई की कोई स्पष्ट तारीख नहीं दी और कहा कि राहत के लिए जैन वैकेशन बेंच में अपील कर सकते हैं।
हाईकोर्ट ने अप्रैल में जमानत देने से किया था इनकार
6 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस ईडी ने साल 2017 में रजिस्टर किया था, जो सीबीआई की द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित था। उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को नियमित बेल मिली थी। साल 2022 में निचली अदालत ने ईडी द्वारा फाइल आरोपपत्र का संज्ञान लिया था जिसके बाद जैन की गिरफ्तारी हुई थी। इस आरोप पत्र में जैन उनकी पत्नी और आठ अन्य समेत चार फर्मों पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा था।