गुडम्बा के सींवा गांव में हरियाली के सीने पर ‘लापरवाही का आरा’
17 पेड़ों की परमिट की आड़ में दर्जनों आम के पेड़ काट डाले, सबूत मिटाने को जमीन से जड़े निकाल कर दिया बराबर
शहर के विस्तार के बाद से ही शहरी सीमा से लगे गावों में हरियाली पर संकट बढ़ता जा रहा है। रियल स्टेट से जुड़े कारोबारियों द्वारा इलाके में प्लाटिंग के लिए ग्रामीणों को अधिक रुपयों के लालच दिया जा रहा है। लालच में फंस कर कृषक अपनी उपजाऊ जमीन भी बेच रहे हैं। प्लाटिंग के वजह अब क्षेत्र में हरे फलदार वृक्षों का कटान जोरों पर है। वन विभाग व लकडकट्टों की मिली भगत से हरे पेड़ों पर धड़ल्ले से आरा चलाया जा रहा है। करीब 3 दिन से गुडम्बा थाना क्षेत्र के सींवा गांव में स्थित एक आम का फलदार बाग जिसमें एक सौ से अधिक पेड़ हैं। उसको को प्लाटिंग करने के लिए बाग मालिक, वन विभाग व लकडकट्टों के सहयोग से कटवा रहा है। इतना ही नहीं, अपनी करतूत को छुपाने के लिए जेसीबी से जड़े खोदकर जमीन भी बराबर करवा दी गई। जिससे लगता ही नहीं कि यहां कभी बाग भी था। सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि दर्जनों मजदूर पिछले दो दिन से हरे पेड़ों पर आरा चलाते रहे हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारी व पुलिस कर्मी वहां झांकने नहीं गया। जब वन रेंजर केपी सिंह से इस बाबत पूछने पर उन्होंने बताया कि 17 पेड़ों को काटने का परमिट है। पिछले तीन दिन से पेड़ो को काटने के सवाल पर रेंजर सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि पेड़ मोटे हैं। इसलिए उन्हें काटने में समय लग रहा है। गुडम्बा थाना के बेहटा चौकी प्रभारी मुन्ना सिंह ने भी पेड़ काटने की परमिट होने की बात कही। लेकिन कितने का परमिट है। इसका वह जवाब नहीं दे सके।
वन विभाग अवैध कटान में करता है सहयोग