थानेदार ने महिलाओं को कमरे में बंदकर निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा, पीड़ित महिलाओं ने एसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय की लगाई गुहार
क्राइम रिव्यू: यूपी पुलिस का बदरंग चेहरा एक बार फिर देखने को मिला है। जहां आपसी विवाद के दौरान हुई मारपीट की शिकायत में बंद दो सगे भाइयों से मिलने पहुंचीं महिलाओं पर थानेदार ने कमरे में बंदकर बेरहमी से पट्टे से पिटाई की। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें निर्रवस्त्र कर पीटा गया।महिलाओं को अपशब्द भी कहे। इसका विरोध करने पर थानेदार ने अभद्रता की। पुलिस की इस बर्बरता के गवाह महिलाओं के शरीर पर बने चोट के निशान हैं। पीड़ित महिलाओं ने एसपी ऑफिस पहुंचकर थानाध्यक्ष सहित पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी घुले, सुशील चंद्रभाल से न्याय की गुहार लगाई है।
घटना रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र की है। यहां बीती 18 जून की दोपहर नल के पानी को लेकर दो सगे भाई ओंकार और निरंकार के बीच मारपीट हो गई। आरोप है कि इस मारपीट के बाद पुलिस ने दोनों भाइयों को थाने में बैठा लिया और जब अगले दिन पीड़ित महिलाएं थाने पहुंची तो थानाध्यक्ष ने उनको गालियां दीं। जब महिलाओं ने विरोध किया तो थानाध्यक्ष ने महिलाओं को अपशब्द कहते हुए थाने में मौजूद मुंशी यादव और महिला आरक्षी रचना को बुलवाकर उनकी बेहरहमी से कमरे में बंद करके निरवस्त्र कर पट्टे से पिटाई कर दी।
पुलिस की इस बर्बरता के निशान महिलाओं के शरीर पर पड़े हुए हैं।सपा नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा कि सीतापुर में एक महिला को थाने के अंदर निवस्त्र करके तीन पुलिस वालों ने पीटा उक्त महिला की गर्मी शान्त करने की बात करते रहे। पुलिस हैवान हो गयी है। आदित्यनाथ की आत्मनिर्भर पुलिस नागरिकों की इज्जत लूट रही है। महिला ब्राहमण समाज की है और BJP उस समाज की ठेकेदार है और कुछ नेता भी हैं।