एलडीए की छवि धूमिल करने वाले दो निलम्बित बाबू बर्खास्त किये गये
विभागीय जांच में दोषी पाये जाने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने की कार्रवाई
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की आम जनता में छवि धूमिल करने वाले बाबुओं अजय वर्मा एवं मुसाफिर सिंह को शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया गया। यह दोनों बाबू काफी समय से निलम्बित चल रहे थे। विभागीय जांच में दोषी पाये जाने पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कठोर कार्यवाही करते हुए दोनों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिये।
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण में कनिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात अजय वर्मा पर गोमती नगर के वास्तुखण्ड स्थित भवन संख्या-3/710 के निरस्तीकरण की सूचना न देने तथा उक्त भवन की पत्रावली चार्ज में न देने एवं परोक्ष रूप से अवैध कब्जेदारों को बढ़ावा देते हुए प्राधिकरण को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे, जिस पर उसे निलम्बित किया गया था। इसके बाद अजय वर्मा पर गोमती नगर के वास्तुखण्ड में स्थित अलग-अलग भूखण्डों/भवनों के संदर्भ में अन्य व्यक्तियों का नाम बिना अनुमति के कम्प्यूटर पर मृतक लोगों की आई0डी0 का प्रयोग करके अंकित कराने के आरोप लगे, जिस पर उसके खिलाफ एफ0आई0आई भी दर्ज करायी गयी। उक्त आरोपों की जांच के दौरान आरोपी बाबू अपने तैनाती स्थल से गायब हो गया तथा मोबाइल नंबर भी स्विच आॅफ कर लिया गया।
इसके अतिरिक्त प्राधिकरण के विधि अनुभाग में कनिष्ठ लिपिक पद पर कार्यरत मुसाफिर सिंह द्वारा एक भूखण्ड का समायोजन कराकर रजिस्ट्री कराने के नाम पर बैजनाथ से 55 लाख रूपये व उसके साथी राकेश चन्द्र से 45 लाख रूपये अनैतिक रूप से लिये गये थे। लेकिन, एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी मुसाफिर सिंह द्वारा जमीन का समायोजन नहीं कराया गया। बैजनाथ एवं राकेश चन्द्र द्वारा अपना पैसा वापस मांगने पर मुसाफिर सिंह ने इनकार कर दिया। मुसाफिर सिंह द्वारा किये गये इस कृत्य से हुयी मानसिक व आर्थिक परेशानी के चलते बैजनाथ ने चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली, जिस पर मुसाफिर सिंह के खिलाफ जी0आर0पी0 थाने में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उक्त प्रकरण में कनिष्ठ लिपिक मुसाफिर सिंह को निलम्बित करते हुए विभागीय जांच प्रचलित की गयी थी।
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि विभागीय जांच में दोषी पाये जाने पर कनिष्ठ लिपिक अजय वर्मा (निलम्बित) एवं कनिष्ठ लिपिक मुसाफिर सिंह (निलम्बित) को उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।