जीवा को गोली मारने वाले आरोपी विजय कौन है, कहां का है, तो चलिए आपको बताते हैं विजय यादव की पूरी कहानी
क्राइम रिव्यू: लखनऊ के सिविल कोर्ट में पश्चिम यूपी के अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जिसमें आरोपी विजय यादव का नाम सबके सामने आया है.आरोपी विजय को फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन अब सवाल उठने लगा है कि आखिर ये विजय यादव कौन है जिसने कल पूरे लखनऊ को खौफजदा कर दिया लोग अब इंटरनेट पर सर्च करने लगे हैं कि आखिर ये विजय यादव कौन है.कहां का है. तो चलिए आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि आखिर ये विजय यादव कौन है.दरअसल बदमाश विजय यादव जौनपुर के केराकत कोतवाली क्षेत्र का रहने वाला है.आजमगढ़ जिले की सीमा से सटा सुल्तानपुर उसका पैतृक गांव है. बुधवार शाम को इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में चर्चा शुरू हो गई. घटना के बाद जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली की जौनपुर में विजय का गांव है. पुलिस आनन- फानन में उसके गांव पहुंची. पुलिस ने आरोपी विजय यादव के घर पर पहुंचकर पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी ली. पता चला कि विजय 2016 में एक किशोरी के भगाने के मामले में कुछ महीने तक हवालात में रहा है. हालांकि अब उस मामले में सुलह हो चुकी है.
बता दें कि आजमगढ़ के देवगांव थाना क्षेत्र की सीमा से महज एक किमी पहले स्थित केराकत के सुल्तानपुर गांव के रहने वाले श्यामा यादव के चार पुत्रों में विजय दूसरे नंबर का है. परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक, बड़ा भाई दिल्ली में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है. विजय मुंबई में रहता था. वो क्राइम की दुनिया में कैसे पहुंचा, इसकी जानकारी न तो गांव के लोगों को है और न ही परिवार में किसी को कोई जानकारी. विजय के दो भाई छोटे पढ़ाई करते हैं. इस घटना के उनके पिता भी हैरान है कि आखिर विजय ऐसा कैसे कर सकता है. पिता के मुताबिक विजय यादव मुंबई के एक पाइप बनाने वाली कंपनी में काम करता था. वहां से मार्च में घर आया दो-तीन दिन के बाद ही बताया कि लखनऊ में कुछ काम है, वहां जाना है. वहां से 10 मई को मामा की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए गांव बीरमपुर, थाना केराकत आया था. शादी में शिरकत करने के बाद 11 मई को फिर लखनऊ चला गया, उसके बाद परिवार में किसी से संपर्क नहीं हुआ.उसके बाद से ही मोबाइल फोन बंद है. घटना के बाद पूरा परिवार सदमें में है.विजय यादव की मां तो बस रो रही है.विजय की मां का कहना है कि मेरा बेटा बेगुनाह है.वो तो बस रोए जा रही है.वहीं घटना के बाद विजय के भाई भी हैरान है.
बता दें कि विजय ने 2012 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी.उसके बाद जौनपुर से इंटर और यहीं के मो. हसन पीजी कॉलेज से बीकॉम किया है. उस समय विजय के पिता श्याम की देवगांव आजमगढ़ में मिठाई की दुकान थी. दुकान पर विजय भी कभी कभार जाता था..वहीं पर किसी किशोरी से संपर्क हो गया और दोनों भाग गए.किशोरी के परिजनों की तहरीर पर देवगांव थाने में ही पॉक्सो एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ, करीब तीन माह के बाद मुंबई से पुलिस ने दोनों को बरामद किया. उसके बाद उसे हवालात में रखा गया. अब उस मामले में सुलह हो चुकी है. लेकिन बावजूद इसके पुलिस उसकी क्राइम कुंडली को खंगाल रही है.अभी तक विजय यादव के खिलाफ दो मुकदमे सामने आए हैं. पहला, आजमगढ़ के देवगांव में पॉक्सो एक्ट और दूसरा, 2020 में महामारी एक्ट के तहत केराकत में दर्ज किया गया था. फिलहाल कोई बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है.लेकिन इस घटना ने सबको हैरान कर दिया है. किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर ये सब हुआ कैसे फिलहाल पुलिस विजय यादव से पूछताछ कर रही है.वहीं दूसरी तरफ उसके परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.