नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने 3R’s-Reuse, Recycle, Reduse को अपने दैनिक जीवन में अपनाने की दी सीख
अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक कैरी बैग मुक्त दिवस पर ‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कॉन्क्लेव-2022’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। प्रदेश को सिंगल यूज प्लास्टिक व इससे बनी सामग्री के प्रयोग से मुक्त करने के लिए 29 जून से 03 जुलाई, 2022 तक पूरे प्रदेश में जागरूता अभियान चलाया गया। नगर विकास, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जीआईजेड के सहयोग से आयोजित जनजागरूता अभियान के अंतिम दिन ‘उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कॉन्क्लेव-2022’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में किया गया।
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने इस कार्यशाला का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि के रूप में किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 अरूण कुमार सक्सेना, महापौर संयुक्ता भाटिया भी उपस्थिति रही।
कार्यशाला के शुरूआत में राष्ट्रगान गाया गया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के संबंध में वीडियो संदेश सुनाया गया। इस कॉन्क्लेव में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की नवीन तकनीकों एवं प्लास्टिक के विकल्प उत्पादांे की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। सिंगल यूज प्लास्टिक के विभिन्न विकल्पों पर अनेक स्टार्ट-अप द्वारा प्रस्तुतीकरण भी किया गया।
इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक को 01 जुलाई पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। पूरे विश्व में प्लास्टिक के बढ़ते प्रयोग के कारण पर्यावरण असंतुलन के साथ जीव-जन्तुओं एवं मनुष्यों के जीवन को गंभीर संकट खड़ा हो गया है, जिससे निपटने के लिए पूरी दुनिया में प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी जी के कुशल नेतृत्व में इस संकट से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी रणनीति के साथ कार्य कर रही है और इस कॉन्क्लेव की थीम 3R’s-Reuse, Recycle, Reduse पर पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने लोगों को 3R’s को अपने दैनिक जीवन में अपनाने की सीख दी। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर स्थिति के लिए हमारी अति आधुनिकता भी जिम्मेदार है। दुनिया में औद्योगिक क्रांति के बाद मशीनों का प्रयोग बढ़ा, नई-नई वस्तुओं का अविष्कार हुआ, जिससे समाज आज चीजों को Reduse करना भूल गया।
ए.के. शर्मा ने कहा कि प्रकृति में सम्पूर्ण चीजों का रिसाइकिलिंग होता है। प्लास्टिक का प्रयोग कर प्रकृति की रिसाइकिलिंग व्यवस्था पर व्यवधान न डालें। प्लास्टिक खतरनाक रासायन हाड्रोकार्बन व पेट्रो केमिकल्स से बनाया जाता है। इधर-उधर फेकने से मिट्टी में मिल जाता है। पानी में बहकर नदियों व समुद्र तक पहुंच जाता है। इस प्लास्टिक कचरे को गायों व अन्य जानवरों, मछलियों व अन्य जलीय जीवों द्वारा खाया जाता है, जिसका दुष्प्रभाव मनुष्यों तक भी पहुंचता है। उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक को अब अपने दैनिक जीवन से निकाल दें और प्लास्टिक के विकल्पों का प्रयोग करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्लास्टिक के पूर्ण प्रतिबंध के लिए दैनिक शर्तों के साथ कुछ नयी शर्तों को जोड़ा जाए तथा नियमों को कठोरता से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हर अच्छे कार्य की शुरूआत हम सभी से होती है, जिसकी शुरूआत हम सभी को अभी करनी है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश की सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगायी है। इसको जमीन पर उतारने के लिए हम सभी को सहयोग करना होगा।
ए0के0 शर्मा द्वारा “RACE” अभियान के दौरान 734 नगरीय निकायों द्वारा 5000 क्विंटल प्लास्टिक इकट्ठा करने पर धन्यवाद दिया तथा अच्छा कार्य करने वाले तीन सर्वश्रेष्ठ नगर निगम को सम्मानित किया। इसमें प्रथम स्थान लखनऊ, द्वितीय स्थान कानपुर नगर तथा तृतीय स्थान गाजियाबाद और आगरा को मिलाकर दिया गया। इस अवसर पर Release of UP Roadshow 2021 Pathways for Preventing Riverine & Marine Litter: Enabling Circular Economy for the state of Uttar Pradesh नामक पुस्तक, रिपोर्ट Baseline Study for Plastic Waste Leakages and Stakeholders Mapping for the city of Kanpur, Prayagraj, Vanarasi and Mirzapur, Uttar Pradesh, Project Fact Sheet Circular Economy Solution (CES) Preventing Marine Litter in Ecosystem , एवं “RACE” Anthem का विमोचन किया गया।
कॉन्क्लेव केे विशिष्ट अतिथि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 अरूण कुमार सक्सेना ने “RACE” के अन्तर्गत किये गये कार्यों की सरहाना करते हुए बताया की इस पांच दिवसीय अभियान में 5,000 क्विंटल प्लास्टिक का निस्तारण किया गया। उन्होंने प्रदर्शनी में दर्शाय गये प्लास्टिक के विभिन्न विकल्पों की सरहाना की। साथ ही प्लास्टिक के दुष्प्रभाव मृदा का अनुपजाउ होना, कृषि उत्पादन में कमी होना, नदियांे और नालों में बहाव की समस्या आदि को बताया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल ने होने से 500 वर्ष तक यह नष्ट नहीं होता है और माइक्रो कण मिट्टी, पानी आदि में मिल जाता है और जीवन को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में एक माह के भीतर ही प्लास्टिक के प्रयोग में कमी दिखेगी। उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का विकल्प प्रयोग करने के साथ ही वृक्षारोपण के दिन पेड़ लगाने की भी अपील की।
डा0 रेगिना दूबें, महानिदेशक, जर्मन संघीय मंत्रालय तथा डा0 स्टीफन ग्राभेर, प्रभारी, जर्मन संघीय गणराज्य ने उत्तर प्रदेश प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन कान्क्लेव-2022 के अन्तर्गत हुए कार्याें की सरहाना की।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह, सचिव नगर विकास रंजन कुमार, सचिव वन एवं पर्यावरण आशीष तिवारी, निदेशक नगरीय निकाय नेहा शर्मा के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे। ‘स्वच्छता एवं ग्रीन भारत शपथ बोर्ड’ पर सभी ने साइन कर प्रतिज्ञा ली।
इस कॉन्फेरेन्स को सफलता पूर्वक आयोजित कराने में राज्य सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, नगर विकास विभाग, जी0आई0जेड0 तथा अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों ने सहयोग किया।