पुरू की बहादुरी एवं वचन प्रतिबद्धता को दर्शाता उर्दू नाटक ‘पोरस’
समाज की विभिन्न विधाओं से जुड़ी विभूतियां हुयी सम्मानित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी एवं फ्रेण्ड्स एण्ड फ्रेण्ड्स एसोसिऐशन के संयुक्त तत्वाधान में ठाकुर प्रसाद सिंह द्वारा लिखित एवं वामिक खान और युसूफ खान द्वारा निर्देशित ऐतिहासिक उर्दू नाटक ‘पोरस’ का सफल आयोजन किया गया। यूनानी आक्रान्ता सिकन्दर से भारतीय राजा पुरू के साहसिक युद्व पर आधारित इस नाटक का मंचन गुरूवार की शाम को गोमती नगर स्थित बीएनए के थ्रस्ट थियेटर में किया गया।
द्वीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम की शुरूआत करते हुये सर्वप्रथम समाज की विभिन्न विधाओं से जुड़ी विभूतियों में कथक व भरतनाट्यम शास्त्रीय नृत्य का विश्व रिकार्ड बनाने वाले विवेक वर्मा (कला उन्नयन), जुबैर अहमद, शाहीद सिद्दीकी (पत्रकारिता), विनय पाण्डे (फोटो पत्रकारिता), अचार्य राजीव शुक्ला (ज्योतिष), अनुराग श्रीवास्तव, नसीम एहमद सिद्दीकी (शिक्षा), सनी मलिक (एक्जीबिशन), संतराम यादव ग्राफिक डिजाइनर (एस वाय आर्ट क्रिएशन) , राजीव प्रभास ‘साहिर’ (लेखन), मोहम्मद सैफ (फिल्म प्रोडक्शन), विनय पाण्डे (फोटो पत्रकारिता), शहजादे कलीम (सोशल एक्टिविस्ट) के साथ आजाद हाफ़िज, राजेश जयसवाल, अनिल द्विवेदी (समाज सेवा) व अन्य को पोरस अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अगले प्रसून में नाटक की शुरूआत होती है इतिहास के उस अध्याय से जब सिकन्दर सिन्धु घाटी को पार करता हुआ भारत के तक्षशिला पहुॅंचता हैं और वहां के राजा आम्भी के साथ अन्य राजा महाराजा भी उसकी ताकत के डर से उसकी इतात को कबूल कर लेते है। किंतु वीर राजा पुरू उसकेे सामने झुकने से इन्कार कर देते है। तब सिकंदर विभिन्न चालें चलकर राजा पुरू को पराजित कर उन्हें बंदी बना लेता है। नाटक के अंत में सिकंदर राजा के पुरू के प्रभावशाली एवं साहस से पूर्ण व्यक्तित्व से प्रभावित हो उनका राज्य उन्हें वापस सौंप कर अपने वतन यूनान लौट जाता हैै।
नाटक में राजा पुरू की बहादुरी एवं वचन प्रतिबद्धता के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि हिम्मत एवं सच्चाई से बड़ी से बड़ी जंग को जीता जा सकता है। मंच पर पोरस-उदयवीर सिंह, सिकन्दर-यूसूफ खान, रूखसाना-डा.इफ्फत रूखसार, प्रार्थना-तान्या सूरी एवं राजा आम्भी-नरेन्द्र पंजवानी मुख्य भूमिकाओं में नज़र आये। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में स्नातक सदस्य विधान परिषद इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह के साथ अपर्णा बिष्ट यादव व कला प्रेमी मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट एसोसिएशन के सचिव संजय सिंह ने अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ व स्मृति चिह्न देकर किया। नाटक के निर्देशक वाॅमिक खान ने कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।