बच्चे जल की एक-एक बूंद को बचाने एवं जल का दुरूपयोग न करने की आदत अपने जीवन में अपनाएं :डॉ नीरज बोरा
आंचलिक विज्ञान नगरी एवं भूगर्भ जल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘भूजल सप्ताह-2022’ का शुभारंभ
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। पूरे विश्व में बढ़ते जल संकट की समस्या पर चिंता जाहिर करते हुए विधायक लखनऊ उत्तर डॉ नीरज बोरा ने नौजवान बच्चों से कहा कि उन्हें इस बात का चिंतन करना चाहिए कि वह जल का संरक्षण कैसे कर सकते हैं? उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वह जल की एक-एक बूद को बचाने एवं जल का दुरूपयोग न करने की आदत अपने जीवन में अपना लें और ऐसी ही आदत अपनाने के लिए अपने पड़ोसियों एवं मित्रों को भी प्रेरित करें। डॉ बोरा बतौर मुख्य अतिथि आंचलिक विज्ञान नगरी एवं भूगर्भ जल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘भूजल सप्ताह-2022’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
विधायक डॉ नीरज बोरा ने कहा कि विश्व में जल संकट धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। धरातल पर उपलब्ध जल अधिकतर धूषित हो जाने के कारण हमारे पीने योग्य नहीं रह गया है। पीने योग्य जल मात्र जमीन के अंदर ही कुछ मात्रा में बचा है। इसका स्तर भी बहुत तेजी से नीचे गिर रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अलीगंज क्षेत्र में 30 साल पहले भूगर्भ जल का स्तर 30 फिट था जो कि अब 300 फिट से भी आगे चला गया है। डॉ बोरा ने कहा कि आज हमारे सामने वर्षा जल संचयन की नीतांत आवश्यकता बन गई है क्योंकि वर्षाजल ही हमारे भूगर्भ जल के स्तर को नियमित रखने में मदद करता है। आज-कल घरों में कच्ची जगह एवं कच्ची पार्किंग न होने के कारण वर्षा जल जमीन के अन्दर सोखने की अपेक्षा सीधे नालों में बहकर बर्बाद हो जाता है। आगे आने वाली पीढ़ी को जल उपलब्ध कराने हेतु वर्षा जल संचयन एवं भूगर्भ जल संरक्षण के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय निदेशक, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (उत्तरी क्षेत्र) संजय गोपाल भरतरिया ने बच्चों से आग्रह किया कि वह भूगर्भ जल को बचाने के लिए पानी का प्रयोग डेबिड कार्ड की तरह करें। निदेशक भूगर्भ विभाग वीके उपाध्याय ने कहा कि आज केवल 3 प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वह अपने भविष्य के लिए भूगर्भ जल का संरक्षण करें। इससे पूर्व आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समन्वयक एम. अंसारी ने बच्चों को भूजल सप्ताह समारोह को मनाने के उद्देश्य से अवगत कराया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों सेे लगभग 1300 विद्यार्थियों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन रवी कांत, वरिष्ठ हाईड्रोलॉजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग रविकांत द्वारा किया गया।