महिलाओं को मुख्यधारा में लाने से ही होगा विकास : आलोक रंजन
विश्व महिला दिवस पर स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) और भाऊराव देवरस शोधपीठ लखनऊ विश्वविद्यालय ने सम्मान समारोह में 30 महिलाओं को किया सम्मानित
क्राइम रिव्यू
लखनऊ। विश्व महिला दिवस पर स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) और भाऊराव देवरस शोधपीठ लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर आलोक रंजन ने कहा- महिलाओं को मुख्यधारा में लाने से ही विकास होगा। 100 फ़ीसदी साक्षरता दर हो तो देश अपने आप आगे बढ़ेगा। महिलाओं की साक्षरता दर कम होने से कई दिक्कतें आती हैं। उनमें जागरूकता की कमी होती है। महिलाएं शिक्षित हों तो समाज समृद्ध होगा। लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। महिलाएं अगर शिक्षित होंगी तो जीडीपी अपने आप बढ़ेगी। कई देश इसके उदाहरण हैं। उन्न्होंने कहा की हाउसवाइफ के योगदान को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। उनके योगदान को भी हमें जानना होगा। आलोक रंजन ने कहा कि महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना होगा। भाउराव देवरस पीठ के निदेशक प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि महिलाएं ही समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
दिल से डर निकालना ही महिला दिवस की सबसे बड़ी उपलब्धि : डॉ. अनीता सहगल ‘वसुंधरा’
अवार्ड ग्रहण करने पश्चात डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा ने कहा- महिलाओं के दिल से डर निकालना ही महिला दिवस की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को परिवार के साथ अपने स्वास्थ्य की भी देखभाल करनी चाहिए, क्योंकि परिवार और समाज की केंद्र बिंदु वही हैं। अगर वह स्वस्थ रहेंगी तो हम साल भर महिला दिवस का उत्सव मना सकते हैं। साथ ही महिलाएं यह कभी न सोचें कि उनके अंदर किसी प्रकार की कमी है, उनको अपने अंदर छिपे टैलेंट को पहचानना होगा और समय पर उसे सबके सामने लाना चाहिए। डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा ने कहा भगवान भी नारी को पूजता है। अगर देखा जाए तो सारे मजबूत विभाग महिलाओं के ही पास हैं। जैसे, विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी और शक्ति की देवी दुर्गा को माना जाता है।