लखनऊ। यू.पी. पंचायत चुनाव 2021 की तैयारियां में सभी राजनीतिक पार्टियां जोरों से लगी हुई है। पंचायत चुनाव 2021 के लिए इस बार 4 चरणों का मतदान बोर्ड परीक्षा की शुरुवात होने से पहले, 24 अप्रैल से पहले पूरा कराने का काम किया जाएगा। इसी बीच योगी सरकार के एक फैसले से पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों को राहत मिलने की उम्मीद भी जगी है।
योगी सरकार द्वारा सूबे में दस, पचास, सौ, पांच सौ रुपये मूल्य के स्टाम्प की बिक्री में स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा की जा रही कालाबाजारी पर अंकुश लगाने जा रहा है। स्टाम्प व पंजीयन विभाग द्वारा अब आनलाइन ई-स्टाम्पिंग सेल्फ प्रिंटिंग की व्यवस्था लागू की गयी है जिसके बाद स्टाम्प की बिक्री में की जा रही कालाबाजारी पर पूर्णविराम लग जायेगा।
आपको बता दें पंचायती चुनाव में कम मूल्य के ऐसे स्टाम्प पेपरों की सरप्लस डिमांड होती है जिसे देखते हुए किसी भी तरह की अफरातफरी को रोकने के लिए यह नई व्यवस्था लागू योगी सरकार द्वारा लागू की गई है। परिणामस्वरूप अब उम्मीदवारों द्वारा नामांकन के वक्त स्टाम्प पेपर के लिए मारामारी नहीं देखने को मिलेगी।
योगी सरकार द्वारा लागू की गई इस नई व्यवस्था पर प्रकाश डाले तो इसके तहत पांच सौ रुपये तक के स्टाम्प को खुद जरूरतमंद व्यक्ति *स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लि.*(सीआए) की वेबसाइट पर आनलाइन शुल्क जमा कर के छापने में खुद ही सक्षम होंगे। इस संदर्भ में शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो अल्प धनराशि के स्टाम्प शुल्क का भुगतान करने का इच्छुक हो, वह स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन
आफ इण्डिया (सीआरए) की वेबसाइट *www.shcilestamp.com* पर ऑनलाइन ई-स्टाम्पिंग प्रणाली में भुगतान के लिए रजिस्टर कर सकेगा।
इस व्यवस्था के तहत रजिस्ट्रेशन प्रोसेस जब हो जाएगा तो इसके बाद उसका सत्यापन करने का काम किया जाएगा। तदोपरांत उक्त व्यक्ति को यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराया जाएगा जिसका इस्तेमाल करते हुए लागइन करने में लोग सक्षम हो सकेंगे। लागइन के बाद प्रयोक्ता व्यक्ति द्वारा महत्वपूर्ण विवरण जैसे राज्य, अनुच्छेद, स्टाम्प शुल्क की राशि, पक्षकारों का विवरण (दोनों पक्षों का विवरण) दाखिल करना जरूरी होगा। इस विवरण में प्रयोग करने वाला स्पष्टरूप से उल्लेख करेगा कि वह ई-स्टाम्प किस मकसद से खरीदने की इच्छा रखता है।
यह स्पष्ट होने के बाद स्टाम्प खरीदने वाले को आनलाइन भुगतान करने की जरूरत होगी जहाँ उक्त व्यक्ति/खरीददार नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/यूपीआई के जरिये अपेक्षित स्टाम्प शुल्क की धनराशि का भुगतान करने में सक्षम होगा। भुगतान के बाद ई-स्टाम्प सर्टीफिकेट का प्रयोक्ता /ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र खरीदने वाला शख्स इसका प्रिंट ले सकता है।
भुगतान के बाद ई-स्टाम्प सर्टीफिकेट का प्रयोक्ता /ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र खरीदने वाले व्यक्ति द्वारा अपने कम्प्यूटर और प्रिण्टर से उसे प्रिण्ट कर सकेगा। ई-स्टाम्प का यह प्रिण्ट 80 जीएसएम इक्जीक्यूटिव बाण्ड के कागज पर ही लिया जा सकेगा। यह प्रक्रिया केवल पांच सौ रुपये की अधिकतम सीमा तक के स्टाम्प शुल्क के भुगतान पर ही लागू होगी। शासनादेश में आगे कहा गया है कि स्वयं मुद्रण में किसी भी धोखाधड़ी या दुर्भावना को रोकने के लिए प्रस्तावित माड्यूल में मजबूत सुरक्षा सुविधाओं सहित प्रभावी निगरानी तंत्र की सुनिश्चित व्यवस्था स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया द्वारा की जाएगी। आपको बता दें प्रदेश के स्टाम्प आयुक्त और सम्बंधित एजेंसी यह भी निर्धारित करेंगी कि राज्य को किसी भी तरह की “फाइनेंशियल लॉस” नही किया जा सके।