सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ द्वारा विकसित अश्वगंधा कि प्रजाति सिम-पुष्टि के तकनीकी का हस्तांतरण
डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप व मेसर्स जेनॉन बायोसाइन्स, हैदराबाद के CEO पी. संबासिवा पोरेड्डी द्वारा समझौता पत्र का हस्तांतरित किया
क्राइम रिव्यू
लखनऊ । सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ द्वारा विकसित नई प्रजाति सिम-पुष्टि के बीजों का बहुगुणन की तकनीकी को मेसर्स जेनॉन बायोसाइन्स, हैदराबाद के पी. संबासिवा रेड्डी को बुधवार को हस्तांतरित किया गया। सिम-पुष्टि में 3% से उपर कुल विथेनोंलाइट हैं जिसमें कि विथेनोंलाइट A 0.713 mg/g और विथेनोंलाइट B 0.45 mg/g है । इसकी औसतन उपज 10 से 12 कुंटल/हेक्टयर है और इसके सुखी जड़ों में पोलेसेकराइड/ रेसे की मात्रा (पाउडर) 1.5 है। यह औसतन 160-170 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है और इसमें पत्ती झुलसा रोग प्रतिरोधक क्षमता है | मेसर्स जेनॉन बायोसाइन्स द्वारा इसका प्रयोग व्यापारिक प्रसार एवं एक्स्ट्रेक्ट बनाने मे किया जाएगा जिसका सेवन स्वास्थ्यवर्धक होगा |
इस अवसर पर डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप व मेसर्स जेनॉन बायोसाइन्स, हैदराबाद के CEO पी. संबासिवा पोरेड्डी द्वारा समझौता पत्र का हस्तांतरित किया गया । इस अवसर पर सिम-पुष्टि के प्लांट ब्रीडर डॉ. तृप्ता झंग, डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख व्यापार विकास तथा डॉ. राम सुरेश शर्मा भी उपस्थित थे ।